Pakistan: लाहौर हाई कोर्ट (HLC) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ दर्ज आतंकवाद के मामलों में उनकी जमानत याचिका पर कल सुनवाई करेगा. अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों द्वारा बड़े पैमाने पर हिंसा की गई थी. खान के साथ उनकी पत्नी बुशरा बीबी भी थीं, जिन्हें अल-कादिर ट्रस्ट मामले में हाई कोर्ट ने 23 मई तक अग्रिम जमानत दे दी. कोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि- एलएचसी ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में बुशरा बीबी को 23 मई तक अग्रिम जमानत दे दी. कोर्ट ने हालांकि 9 मई की हिंसा के बाद खान के खिलाफ दर्ज आतंकवाद के मामलों में जमानत याचिका पर सुनवाई कल तय की है. एलएचसी रजिस्ट्रार कार्यालय ने सुप्रीम कोर्ट और इस्लामाबाद हाई कोर्ट के आदेशों की सत्यापित प्रतियों को संलग्न नहीं करने पर आपत्ति जताई है.
कोर्ट के आदेशों का प्रावधान करने का आश्वासन
जस्टिस सफदर सलीम शाहिद ने इमरान खान की याचिका पर सुनवाई के लिए 16 मई की तारीख तय की थी. इससे पहले खान के वकील ने कोर्ट के आदेशों का प्रावधान करने का आश्वासन दिया था. बुशरा बीबी अल-कादिर ट्रस्ट मामले में अग्रिम जमानत के लिये पहली बार लाहौर हाई कोर्ट के समक्ष पेश हुई थीं. खान और बुशरा बीबी कड़ी सुरक्षा के बीच एलएचसी पहुंचे और इस दौरान उनके साथ पार्टी कार्यकर्ता नहीं थे. बम और बुलेटप्रूफ वाहन में सवार होने से पहले उसे सफेद चादर से ढक दिया गया था, ताकि बुशरा बीबी अपना पर्दा कर सकें.
इमरान खान के खिलाफ 100 से अधिक मामले दर्ज
इमरान खान के खिलाफ जहां 100 से ज्यादा मामले हैं, वहीं बुशरा दो मामलों – तोशाखाना और अल कादिर ट्रस्ट मामला- में नामजद हैं. खान ने किए गए एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने सरकार और सैन्य प्रतिष्ठान ने उन्हें अपमानित करने के लिये उनकी पत्नी को गिरफ्तार करने की साजिश रची है. उन्होंने दावा किया कि सरकार का इरादा राजद्रोह के मामले में उन्हें 10 वर्षों तक जेल में रखने का है. ऐसी खबरें हैं कि सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों के लिए उकसाने को लेकर खान पर सेना अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है.
अल-कादिर ट्रस्ट मामले में किया था गिरफ्तार
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रमुख को पिछले हफ्ते उनकी गिरफ्तारी के बाद कोर कमांडर लाहौर के घर में आग लगाने और हिंसा की अन्य घटनाओं के लिए दर्ज छह मामलों में अंतरिम जमानत मिली थी. इमरान खान जमानत मिलने के बावजूद फिर से गिरफ्तारी के डर से खुद को इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) परिसर में घंटों बंद रखने के बाद अपने लाहौर स्थित घर लौट आए थे. IHC ने 70 वर्षीय खान के खिलाफ 9 मई के बाद दर्ज सभी मामलों में गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए उनको जमानत दे दी थी और उन्हें 15 मई को आगे की राहत के लिए लाहौर हाई कोर्ट जाने के लिए कहा था. राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने 9 मई को क्रिकेटर से नेता बने खान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में गिरफ्तार किया था. आईएचसी ने उन्हें दो हफ्तों के लिये अग्रिम जमानत दे दी थी.
जघन्य अपराधों के तहत मामला दर्ज
सुप्रीम कोर्ट ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट परिसर से खान की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया था और मामले को आईएचसी को भेजा था. पंजाब पुलिस ने 10 मई को खान और उनकी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं पर हमला करने और लाहौर में कोर कमांडर हाउस में आग लगाने के अलावा समर्थकों को सरकारी इमारतों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने व नुकसान पहुंचाने के लिए उकसाने को लेकर पांच अन्य प्राथमिकी दर्ज की थीं. खान और उनके सहयोगी शाह महमूद कुरैशी व अन्य पर लाहौर छावनी में सीनियर आर्मी कमांडर के घर जिन्ना हाउस पर हमला करने के लिए हत्या, आतंकवाद और 20 अन्य जघन्य अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया है.
गिरफ्तारी से पाकिस्तान में फैल गई अशांति
IHC परिसर में पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा खान की गिरफ्तारी से पाकिस्तान में अशांति फैल गई, यह अशांति शुक्रवार तक जारी रही. इस दौरान कई लोगों की जान गई और प्रदर्शनकारियों द्वारा दर्जनों सैन्य व अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाया गया. पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार, प्रदर्शनकारियों ने रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (GHQ) पर धावा बोल दिया और लाहौर में कोर कमांडर के घर में आग लगा दी.