जहरीली शराब के खिलाफ एक्शन में सीएम स्टालिन, सीबी-सीआईडी ​​को सौंपा केस, 14 लोगों की मौत से गरमाया मामला

तमिलनाडु में जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत मामले की जांच सीबी-सीआईडी करेगी. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इसकी घोषणा की है. गौरतलब है कि प्रदेश के विलुप्पुरम में नौ और चेंगलपट्टू में पांच लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो गई थी. वहीं, इस मामले में तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने कहा है कि शुरुआती जांच में पता चला है कि नकली शराब बनाने के लिए मेथनॉल का इस्तेमाल किया जाता था.

चार पुलिसकर्मी निलंबित: वहीं, घटना के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया. साथ ही चेंगलपट्टू के एसपी के तबादले का आदेश भी जारी कर दिया. पुलिस ने बताया कि जहरीली शराब पीने से बीमार पड़े लोगों को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनमें से तीन की मौत शनिवार को हो गई थी. इसके बाद महिला सहित दो और लोगों की रविवार को मौत हुई. वहीं, मामले को लेकर एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है.

मुआवजे की घोषणा: वहीं, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिजन को 10-10 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने की घोषणा की है. जबकि, उपचाराधीन प्रत्येक व्यक्ति को 50000 रुपये की अनुग्रह राशि दी जा रही है. इस मामले की शुरुआती जांच में पता चला है कि नकली शराब बनाने के लिए मेथनॉल का इस्तेमाल किया जाता था. जिसके कारण इतने लोगों की मौत हुई.

विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना: इधर, घटना के बाद विपक्ष एआईएडीएमके के महासचिव और नेता प्रतिपक्ष के पलानीस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाले दस साल के शासन में अवैध शराब के लिए कोई जगह नहीं थी. उन्होंने घटना के लिए सत्तारूढ़ डीएमके सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि कम से कम अब तो अवैध शराब के खिलाफ कदम उठाए जाने चाहिए. वहीं पट्टाली मक्कल काची (PMK) के संस्थापक डॉ एस रामदास ने भी जहरीली शराब की बिक्री को लेकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है.

भाषा इनपुट से साभार

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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