अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन इन सैनिकों की तैनाती को बहुत प्रचारित नहीं करना चाहता है क्योंकि उसकी कोशिश चीन को भड़काए बिना ताइवान की बीजिंग के किसी हमले के खिलाफ रक्षात्मक क्षमता को मजबूत करना है। अमेरिकी सैनिकों में विशेष अभियान दल और अमेरिकी मरीन सैनिक शामिल हैं। इन सैनिकों की संख्या कम या ज्यादा होती रही है। अमेरिका की ओर से पिछले कई दशक में यह सैनिकों की ताइवान में सबसे बड़ी तैनाती है। वह भी तब जब दोनों ही देश चीन की बढ़ती सैन्य ताकत का मुकाबला करने के लिए और ज्यादा करीब आ गए हैं।
अमेरिका और ताइवान दोनों ही जगह मिलेगी ट्रेनिंग
ताइवान में ट्रेनिंग के अलावा अमेरिकी नैशनल गार्ड अमेरिका के अंदर उत्तरी मिशिगन में ताइवान की सेना को ट्रेनिंग दे रहे हैं। इसमें कई देशों के साथ वार्षिक अभ्यास भी शामिल है। वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका और ताइवान के अंदर इस सैन्य ट्रेनिंग को बढ़ाकर बाइडन प्रशासन अपने सहयोग को बढ़ाना चाहता है ताकि चीन के किसी हमले के खिलाफ अपनी सैन्य तैयारी को पुख्ता किया जा सके। अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि इस विस्तार की योजना काफी पहले बना ली गई थी और पिछले कुछ महीने में चीन के साथ खराब हुए रिश्ते से इसका कोई ताल्लुक नहीं है।
दक्षिण चीन सागर में अब सैन्य तैयारी बहुत तेजी से गति पकड़ रही है और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अपने आक्रामक अभियान को तेज कर रही है। चीन लगातार ताइवान के पास दर्जनों फाइटर जेट और जंगी जहाज भेज रहा है। पिछले साल तो चीन ने ताइवान की चारों ओर से घेरेबंदी करके जोरदार युद्धाभ्यास किया था। पिछले साल रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद पेंटागन ने ताइवान को ऐसी रणनीति अपनाने के लिए प्रयास तेज कर दिया है जिसके तहत उसे ऐसी रणनीति और हथियार अपनाने होंगे जो चीन को हमला करने से पहले 4 बार सोचने को मजबूर कर दें।