तुर्की के विरोध में डेनमार्क और स्वीडन में दक्षिणपंथी नेता रासमुस पालुदान ने कुरान जलाया था। इस घटना के बाद से ही आईएसआईएस ईसाइयों के खिलाफ हमला करने की बात कही है। ISIS का मीडिया सेल अपने गुर्गों को हमलों को अंजाम देने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। दुनिया भर के ईसाइयों पर हमले के साथ ये खास तौर पर यूरोप में आतंकी साजिश को अंजाम देने को कह रहे हैं। सोशल मीडिया पर इससे जुड़े पोस्ट किए गए हैं। हाल के वर्षों में ISIS की आतंकी गतिविधियों में कमी आई है, लेकिन इस तरह की वॉर्निंग एक चिंता का अलर्ट हैं।
तुर्की दूतावास के सामने जलाई गई थी कुरान
साल 2022 में ISIS के गुर्गों ने पश्चिमी देशों में कोई हमला नहीं किया है। यहां तक कि ISIS से प्रेरित हमले भी नहीं हुए थे। 2021 में ISIS से प्रेरित सिर्फ दो हमले हुए थे। हालांकि अब जिस हिसाब से ISIS का मीडिया से एक्टिव हुए हैं, उससे खतरा बढ़ा है। 21 जनवरी 2023 को तुर्की के नाटो में स्वीडन को शामिल करने से रोके जाने के खिलाफ स्टॉकहोम प्रदर्शन हुए। इस दौरान स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के सामने रासमुस पालुदान ने पवित्र कुरान की एक प्रति को आग लगा दी। इस घटना के बाद से दुनिया भर के मुस्लिम देशों में नाराजगी फैल गई। इस विरोध में ISIS भी शामिल हो गया।
Quran Burning in Stockholm: स्वीडन में प्रदर्शन के दौरान जलाई गई कुरान, दुनिया में बवाल
‘ईसाइयों पर हमला करो’
कुरान जलाने की घटना के बाद ISIS से जुड़े टेलीग्राम चैनलों ने आपत्तिजनक पोस्ट डालना शुरु किया। पोस्ट में दुनिया भर के मुस्लिमों को कुरान जलाने की घटना को इस्लाम के अपमान के रूप में देखने और अपराधी का खून बहाने की बात कही जा रही है। पोस्ट में कहा गया है कि अगर मुस्लिम जन्नत जाना चाहते हैं तो उन्हें इस्लाम की रक्षा करनी चाहिए। यूरोप और विशेष रूप से स्वीडन के मुस्लिमों को इसके लिए प्रेरित किया जा रहा है। पोस्ट में अफ्रीकी देशों में ईसाइयों पर हुए हमले का भी जिक्र किया गया है।