Pakistan Crisis: शहबाज शरीफ को न उगलते बन रहा, न निगलते… पाकिस्‍तान को IMF से करारा झटका, इमरान को दिखा मौका – pakistan economy crisis in hindi shahbaz sharif wary of imf mandated tough decisions in election year

इस्‍लामाबाद: कंगाल हो चुके पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को अब अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष से बड़ा झटका लगा है। पाकिस्‍तान में इस साल चुनाव होने हैं और आईएमएफ ने साफ कह दिया है कि बिना कठिन फैसले लिए वह पाकिस्‍तान को लोन नहीं देने जा रहा है। आईएमएफ ने पाकिस्‍तान से कहा है कि वह बातचीत शुरू होने से पहले बजट और अन्‍य क्षेत्रों की पूरी जानकारी दे। पाकिस्‍तान को इस समय 10 अरब डॉलर के विदेशी लोन की तत्‍काल जरूरत है ताकि देश को डिफॉल्‍ट होने से बचाया जा सके। पाकिस्‍तान को यह लोन बिना आईएमएफ प्रोग्राम को फिर से शुरू किए नहीं मिलने जा रहा है। वहीं शहबाज शरीफ कठिन फैसले लेने से बच रहे हैं ताकि उन्‍हें चुनाव में मतदाताओं के गुस्‍से का शिकार न होना पड़े।

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक आईएमएफ और पाकिस्‍तान सरकार दोनों ही अभी भी लोन को लेकर बातचीत कर रहे हैं। आईएमएफ ने पाकिस्‍तान के सामने 7 मांगें रखी हैं। अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष ने पाकिस्‍तान सरकार से कहा कि वह इन 7 मांगों को स्‍वीकार करे तभी उसे आर्थिक सहायता की शुरुआत की जाएगी। आईएमएफ ने जिन मांगों को रखा है, उसमें बिजली पर दी जा रही सब्सिडी खत्‍म करना, गैस की कीमतों को अंतरराष्‍ट्रीय बाजार के मुताबिक कर दे, डॉलर को पूरी तरह से मुक्‍त कर दे आदि। कहा यह भी जा रहा है कि पाकिस्‍तानी सेना के बजट में भी कटौती की मांग की गई है।
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बिजली की कीमतों में 75 प्रतिशत की बढ़ोत्‍तरी के लिए अनुमति

शहबाज सरकार को डर सता रहा है कि इनमें से कुछ मांगों को लागू करने से पूरे देश में आवश्‍यक सामानों की कीमतों में भारी वृद्धि हो सकती है। पाकिस्‍तानी अधिकारियों का कहना है कि बिना केयरटेकर सरकार के आए इस तरह का कदम उठाना बहुत ही विनाशकारी होगा। उन्‍होंने कहा, ‘इससे सरकार और ज्‍यादा जनता के निशाने पर आ जाएगी, वह भी तब जब पाकिस्‍तान चुनाव के बहुत ही करीब है।’ इमरान खान पहले ही जोरदार रैलियां करके दबाव बनाए हुए हैं। इमरान की कोशिश है कि किसी तरह से जल्‍दी से जल्‍दी चुनाव कराया जाए ताकि जनता के गुस्‍से का फायदा उठाकर सत्‍ता फिर से हासिल की जा सके।

इस बीच पाकिस्‍तान के बिजली नियामक ने पहले ही सुई नॉदर्न गैस पाइपलाइन लिमिटेड को बिजली की कीमतों में 75 प्रतिशत की बढ़ोत्‍तरी के लिए अनुमति दे दी है। दरअसल, पाकिस्‍तान की वर्तमान शहबाज सरकार पिछली इमरान सरकार आईएमएफ के साथ किए गए समझौते की 9वीं समीक्षा का इंतजार कर रही है। इस समीक्षा के बाद ही पाकिस्‍तान को लोन की अगली किश्‍त मिल पाएगी जो सितंबर से ही लंबित है। अगस्‍त 2022 में आईएमएफ ने पाकिस्‍तान के बेलआउट प्रोग्राम के सातवें और आठवें समीक्षा में 1.1 अरब डॉलर की स्‍वीकृति दी थी।

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‘पाक में केयरटेकर सरकार का इंतजार बहुत ही विनाशकारी’

अब आईएमएफ ने साफ कर दिया है कि बिना शर्तों को पूरा किए पाकिस्‍तान को लोन नहीं दिया जाएगा। अधिकारी अब शहबाज शरीफ से मांग कर रहे हैं कि वह हस्‍तक्षेप करें नहीं तो बहुत देर हो जाएगी। एक अधिकारी ने कहा, ‘अगर पाकिस्‍तान ने आईएमएफ से बातचीत के लिए केयरटेकर सरकार का इंतजार किया तो यह बहुत ही विनाशकारी होगा।’ इस चेतावनी से पाकिस्‍तान के संकट में बने रहने की आशंका और बढ़ गई है।

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Sunil Kumar Dhangadamajhi

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