बीजिंग: देश में बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच जनवरी आते-आते चीन व्यावहारिक रूप से अपनी तीन साल पुरानी ‘जीरो कोविड नीति’ और अपने अंतरराष्ट्रीय अलगाव को त्याग देगा। इसके साथ यात्रा और व्यापार के लिए अपने हवाई अड्डों और बंदरगाहों को पूरी तरह से खोल देगा। चीनी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि 8 जनवरी से चीन अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए ‘न्यूक्लिक एसिड परीक्षण’, विदेशों में चीनी दूतावासों से कोविड ग्रीन कोड प्राप्त करने और आगमन पर पृथक-वास को बंद कर देगा।
पृथक-वास संबंधी सभी नियमों को समाप्त करने की घोषणा का व्यापक रूप से स्वागत किया गया है, विशेष रूप से चीन स्थित विदेशी कंपनियों ने इसका स्वागत किया है। लेकिन प्रतिबंध हटाए जाने के समय को लेकर चिंता भी है क्योंकि यह कदम 22 जनवरी को देश के वार्षिक वसंत महोत्सव से पहले उठाया गया है, जिसके दौरान लाखों चीनी यात्री देश और विदेश में यात्रा करेंगे। इमीग्रेशन प्रशासन की ओर से कहा गया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यात्रा करने के इच्छुक चीनी नागरिक 8 जनवरी से फिर पासपोर्ट आवेदन कर सकेंगे।
चीन के प्रतिबंधों को खत्म करने के बाद बाकी देश अलर्ट पर हैं। बाकी देश चीन से उनके देश में कोरोना फैलने को लेकर चिंतित हैं। जापान में अभी तक संदिग्धों की कोरोना टेस्टिंग की जा रही थी। लेकिन अब चीन से आने वाले हर व्यक्ति को एंटीजन टेस्ट से गुजरना पड़ेगा। जो कोरोना संक्रमित पाए जाएंगे उन्हें सात दिनों के लिए क्वारंटीन किया जाएगा और उनके सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा। भारत में भी चीन से आने वाले यात्रियों की आनिवार्य टेस्टिंग होगी। जापान, हांग कांग, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड ने संक्रमितों को क्वारंटीन का आदेश दे दिया है।