‘रूस पर हमला अफ्रीका पर हमला है’
केनेरुगाबा ने शनिवार को एक ट्वीट में लिखा कि “राष्ट्रपति पुतिन को परमाणु युद्ध की धमकी देने की ज़रूरत नहीं है। हम उन्हें सुनते हैं। रूस पर हमला अफ्रीका पर हमला है! जुलाई में सर्गेई लावरोव के अफ्रीका दौरे के दौरान, युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने रूसी विदेश मंत्री को आश्वासन दिया कि अगर रूस गलतियां करता है तो हम उन्हें बताते हैं। लेकिन, जब उन्होंने कोई गलती नहीं की है तो हम उनके खिलाफ नहीं हो सकते।
युगांडा के राष्ट्रपति के बेटे हैं केनेरुगाबा
केनेरुगाबा 1999 में युगांडा की सेना में शामिल हुए थे। उन्हें उन्हें 2021 में युगांडा पीपुल्स डिफेंस फोर्स की ग्राउंड फोर्सेज का कमांडर नियुक्त किया गया। वह राष्ट्रपति मुसेवेनी के पुत्र हैं। ऐसे में उनका बयान सीधे तौर पर युगांडा का आधिकारिक रुख माना जा रहा है। युगांडा के पूर्ववर्ती शासक भी पश्चिमी देशों की जगह रूस के करीबी रहे हैं। युगांडा अपने सैन्य हथियार भी रूस से ही खरीदता है।
रूस के समर्थन में युगांडा का बयान महत्वपूर्ण
युगांडा सेना प्रमुख का यह बयान रूस और पश्चिम के बीच बढ़ते तनाव के बीच आया है। रूस ने हाल ही में डोनेट्स्क और लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक (डीपीआर और एलपीआर) में जनमत संग्रह करवाया है। खेरसॉन और ज़ापोरोज़े के रूस नियंत्रित क्षेत्र के लोगों ने भी इस मतदान में हिस्सा लिया है। ऐसी संभावना है कि रूस जल्द ही इन इलाकों को अपने देश का घोषित कर सकता है।
यूक्रेनी क्षेत्र में जनमत संग्रह करवा रहे पुतिन
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 21 सितंबर को जनमत संग्रह के लिए समर्थन व्यक्त किया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि रूस अपनी क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए सभी साधनों का इस्तेमाल करेगा। उन्होंने कहा था कि अगर हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता को खतरा होता है, तो हम निस्संदेह रूस और हमारे लोगों की रक्षा के लिए सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि यह कोई झांसा नहीं है। पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा कि परमाणु हथियारों से हमें ब्लैकमेल करने की कोशिश करने वालों को पता होना चाहिए कि हम भी उनका इस्तेमाल कर सकते हैं।