कार्डियक अरेस्ट से हुई उड़ान फेम कविता चौधरी की मौत
उड़ान सीरियल फेम कविता चौधरी ने 67 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. जानकारियों के अनुसार, एक्ट्रेस की मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई है. कविता चौधरी के भतीजे अजय सलाय ने मीडिया से बातचीत के दौरान इस बात की पुष्टि की कि कविता चौधरी को अचानक दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें अमृतसर के पार्वती अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां रात के करीब 8:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली, कविता की मौत के खबर के बाद फैंस ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके मौत के प्रति शोक जताया. दूरदर्शन में प्रसारित होने वाले मशहूर शो उड़ान में कविता ने एक आईपीएस अधिकारी कल्याणी सिंह का रोल निभाया था जिसके बाद उन्हें काफी लोकप्रियता मिली थी.
क्या है कार्डियक अरेस्ट के पीछे का कारण
प्रो. राम शंकर उपाध्याय (वरिष्ठ वैज्ञानिक) बताते हैं कि हमारे हार्ट में चार चैंबर होते हैं. दाहिनी ओर राइट एट्रियम और राइट वैंट्रिकल. बायीं ओर लेफ्ट एट्रिअम और लेफ्ट वेंट्रिकल. दाहिने चैंबर जिसे राइट एट्रिअम कहते हैं, वहां साइनोएट्रिअल नोड होता है. यह एक प्रकार का प्राकृतिक पेस मेकर है जो समय-समय पर बीट करता है, इसी से हार्ट काम करता है और नार्मल स्थिति में आता है. इन चैंबर के बीच में एक इंसुलेटिंग लेयर होती है जिसे नॉन कंडिक्टिंग लेयर भी कहते हैं. हार्ट की कार्य विधि के अनुसार जो गतिविधि राइट में होनी चाहिए, वह कहीं और न हो. यह इंसुलेटिंग लेयर ही इसे रोकती है. हार्ट की ऊपरी लेयर पेरीकार्डियम, अंदर की तरफ की दूसरी लेयर मॉयोकार्डियम और भीतरी लेयर एंडोकार्डियम होती है, इन गतिविधियों में बदलाव मुख्य तौर से कार्डियक अरेस्ट का कारण बनते हैं.
कार्डियक अरेस्ट आने पर क्या करें
प्रो. राम के अनुसार जब कोई व्यक्ति अचानक बेहोश हो जाए तो उसे तुरंत सीपीआर देना चाहिए यानी कि उसके सीने पर दोनों हाथों से एक मिनट में 100 से 120 बार प्रेशर दें, ये प्रेशर तब तक देना होता है जब तक व्यक्ति फिर से होश में न आ जाए क्योंकि हार्ट को रिबूट करने में यानी धड़कनें फिर से शुरू करने में 330 सेकेंड का समय लगता है, इसीलिए तब तक सीपीआर देते रहना चाहिए जब तक इंसान होश में न आ जाए. इससे मरीज को आसानी से बचाया जा सकता है.
कार्डियक अरेस्ट आने पर क्या करें
प्रो. राम शंकर उपाध्याय का कहना है कि “सरकार इस इमरजेंसी से निपटने के लिए प्रयास करे. सरकार कार्डियोलॉजिस्ट्स को दिशा निर्देश जारी करें कि फर्स्ट एड के नाम पर वह कुछ दवाएं एप्रूव करें जिससे इमरजेंसी में इसे कोई भी ले सके क्योंकि हॉस्पटल पहुंचने पर भी यही दवाएं कार्डियक अरेस्ट में दी जाती हैं. इमरजेंसी दवाएं देने से इलाज मिलने में होने वाली देरी के कारण होने वाली मौतों को रोका जा सकता है.”
प्रो. राम शंकर ये भी सलाह देते हैं कि पानी में घोलकर पीने वाली डिस्प्रिन की दो टैबलेट कार्डियक अरेस्ट के मरीज को दी जा सकती हैं. इसके अलावा जीभ के नीचे रखनी वाली दवा Sorbitrate 5mg भी इमरजेंसी में दी जा सकती है. इससे मरीज की जान बचाई जा सकती है. इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति को हार्ट की प्रॉब्लम नहीं है लेकिन वह अनियमितता का पता लगाना चाहता है तो वह सीटी कोरोनरी एंजियोग्राफी (CT Coronary Angiography, CCTA) करा सकते हैं.