● बाल गंगाधर तिलक, चंद्रशेखर आजाद सहित बिसाहू दास को किया याद
महासमुंद: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे पहले स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और अपने नाम भर से ही अंग्रेजों की बेचैनी बढ़ाते रहे अमर शहीद पंडित चंद्रशेखर आजाद जी की जयंती व अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री एवं मध्यप्रदेश के प्रथम मंत्रिमंडल में मंत्री रहे श्री बिसाहू दास महंत जी की 43 वीं पुण्यतिथि पर महासमुन्द जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उषा पटेल ने उन्हें अपनी ओर से स्मरण करते हुए भावभिनी श्रद्धांजलि अर्पित किया है।
श्रीमती उषा पटेल जी ने कहा कि बिसाहू दास महंत जी जनप्रिय राजनेता थे। चार बार मध्यप्रदेश में कैबिनेट मंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में उनके ऐतिहासिक कार्य निर्वहन की क्षमता को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। बिसाहू महंत जी कबीर पंथी होने के साथ-साथ गांधीवादी विचारक थे। सादा जीवन उच्च विचार की गरिमा को हर हमेशा जीवन की उच्चतम मूल्य मानते थे। सरलता, सहजता व मिलन सरिता के वे एक जीवंत प्रतिमूर्ति थे।
श्रीमती पटेल ने कहा कि बाल गंगाधर तिलक का नारा स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा”, देशवासियों की धमनियों में लहू बनकर ऐसा दौड़ा कि उसका नतीजा आजाद भारत के तौर पर सामने आया। चंद्रशेखर आजाद और लोकमान्य तिलक दोनों नेताओं को बहादुर और दृढ़ क्रांतिकारी के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया। उनकी वीरता के कार्य हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
छत्तीसगढ़ स्टेट ब्यूरो चीफ उमेश यादव की रिपोर्ट Yadu News Nation