चिराग पासवान की आशीर्वाद यात्रा नहीं यह राजद के षड्यंत्र यात्रा है -मनोज सिंह

वैशाली: चिराग पासवान की आशीर्वाद यात्रा को लेकर लोजपा जिला अध्यक्ष वैशाली मनोज कुमार सिंह ने कहा – “राष्ट्रीय जनता दल द्वारा निर्देशित षड्यंत्र यात्रा का नाम श्री चिराग पासवान जी द्वारा आशीर्वाद यात्रा किया गया है। श्री चिराग पासवान जी द्वारा इन दिनों अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पशुपति कुमार पारस जी एवं लोजपा के विरुद्ध राष्ट्रीय जनता दल द्वारा इकट्ठा भीर के बीच गलत बयानबाजी की जा रही है यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उनके द्वारा किए जा रहे हैं इस तरह के कार्यों से निश्चित रूप से यह पता चलता है कि वह बहुत बड़ी साजिश के शिकार हो गए हैं। बीते विधानसभा चुनाव में भी उनकी गलत नीतियों के कारण N.D.A. को भारी नुकसान उठाना पड़ा था और आज बिहार विधानसभा में लोजपा का एक भी विधायक नहीं है। यह दुर्भाग्य दुर्दशा का जिम्मेदार कौन है? जन आकांक्षाओं के विरुद्ध लिए गलत नीतियों के कारण पार्टी की यह दुर्दशा हुई है। बिहार में जिस राष्ट्रीय जनता दल का एक भी सदस्य लोकसभा में ना जा सका आज उनके गलत नीतियों के कारण विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में हो गया, और आज जंगलराज की वापसी का रास्ता बन गया। श्री चिराग पासवान जी के द्वारा लिए गय गलत नीति का यह परिणाम है, जिसके शासनकाल का नाम आते ही जनता भयभीत हो जाती है और उस जंगलराज का कल्पना करने लगती है। जिसके जंगलराज में लूट डकैती हत्या बलात्कार महामारी तमाम ढंग की समस्याओं होती रही थी। जिस को समाप्त करने के लिए काफी जन आंदोलन करना पड़ा था।आज लोजपा के 6 सांसद हैं वह N.D.A. के संयुत्त गठबंधन का ही परिणाम है। आज लोजपा के पांच सांसद सम्मानित सांसदों को आपके द्वारा बागी सांसद कहा जाता है। यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है, जबकि यह लोग कोई दूसरा दल नहीं बनाय है, सिर्फ नेतृत्व परिवर्तन किए हैं, इन सम्मानित लोगों के साथ आपका यह दुर्भाग्य पूर्ण रवैया बातें काफी गलत संकेत करता है। आपने स्वयं गलत रास्ता बना लिया आज आप जिस राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के इशारों पर षड्यंत्र यात्रा का नाम आशीर्वाद यात्रा रखा है। बिहार के प्रबुद्ध जनता आप की हकीकत को जान गई है। क्या आप जवाब देंगे कि विधानसभा चुनाव में आपने दो हेलिकॉप्टर का उपयोग किया था उसमें से एक हेलीकॉप्टर के खर्च की राशि के कांग्रेस सांसद द्वारा किया गया जिसका पूरा प्रमाण मौजूद है। विगत विधानसभा चुनाव में जो भी आपके सभा में भीड़ लगी थी। वह राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ताओं की भीड़ थी अगर वह लोजपा कार्यकर्ताओं की भीड़ होती तो विधानसभा चुनाव का परिणाम इतना दुर्भाग्यपूर्ण नहीं होता इन दिनों से चिराग जी द्वारा बार-बार कहा जाता है, कि पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय राम विलास पासवान जी के कहने पर अलग चुनाव लड़ा था यह पूरी तरह गलत है। अगर यह सच होता तो स्वर्गीय श्री पासवान अपने जीवन काल में कभी भी ऐसा बयान नहीं दिया जो N.D.A. के विरुद्ध हो किन कारणों से राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के बातों में आकर के यह मुख्यमंत्री के खिलाफ जाकर के और एनडीए का विरोध करके एक तरफ केंद्र में एनडीए का समर्थन इन्होंने किया और दूसरी तरफ बिहार में एनडीए का विरोध किया जिससे अपने लोक जनशक्ति पार्टी को भी इन्होंने काफी नुकसान पहुंचाया और साथ ही N.D.A. को भी नुकसान पहुंचाया और आप उस दल के साजिश के शिकार हो गए इसमें स्वर्गीय पासवान को लोकसभा का सीट नहीं दिया था और कहा था कि डेड हिस्सा ही आपका होता है हम तो आपको लोकसभा का 2 सीट दे दिए हैं उस अपमानजनक परिस्थिति में N.D.A. द्वारा लोजपा को 7 सीटें दि गयी जिसमें 6 सीट पर जीत हासिल किया आपने इतनी मजबूत गठबंधन को तोड़कर उस पार्टी का हिस्सा बनने के लिए बेचैन है जिस पार्टी ने बिहार और देश को पूरी तरह लूटने का काम किया राष्ट्रीय जनता दल का इतिहास रहा है वह अपने तमाम सहयोगियों और व्यक्तियों का अपमानित करते रहा है। उसने विगत चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा जीतन राम मांझी, मुकेश सहनी तथा अपने ही दल के स्वर्गीय रघुवंश प्रसाद सिंह एवं जगदानंद सिंह को भी अपमानित करने का काम किया स्वर्गीय राम विलास पासवान जी को हाजीपुर लोकसभा चुनाव में हरा कर अपमानित किया फिर अपना पाप छुपाने के लिए राज्यसभा भेजकर एहसान लाद दिया और मरणो उपरांत भी कहता है कि राष्ट्रीय जनता दल हमेशा सुश्री पासवान के परिवार का हमदर्द रहा है। इन तमाम परिस्थितियों को जानते हुए भी आप महागठबंधन के हाथों का खिलौना बनना चाहते हैं तो कृपया बिहार की जनता को गुमराह ना करें जो आपके अदूरदर्शिता शिकार विगत विधानसभा चुनाव में जनता हो चुकी है। अपने पिता तुल्य माननीय श्री पशुपति कुमार पारस जी को समझें उनके नेतृत्व में पार्टी को कंधे से कंधे मिलाकर एक नया जोश के साथ आगे बढ़ाने का काम करें। श्री पशुपति कुमार पारस श्री रामविलास पासवान के लक्ष्मण के रूप में जाने जाते थे उन्होंने अपने बड़े भाई को भगवान स्वरूप माना था उन्होंने पूरे जीवन प्रयत्न जब तक वह जिंदा रहे उनका पूजा किया और उनके बताए हुए रास्ते पर चला। कभी भी अपनी महत्वाकांक्षा को उनके आगे इन्होंने नहीं रखा लेकिन आज जो पार्टी की दुर्दशा आपके गलत नेतृत्व के कारण हो गई तो बुझे मन से मजबूरी में उन्होंने नेतृत्व स्वीकार करने का फैसला लिया और पार्टी को असामाजिक तत्वों द्वारा उनका पुतला फूंका गया और आप ने इस को सहने का काम किया क्या एक संस्कारी पुत्र का यही दायित्व होता है। आत्मचिंतन कीजिए कि आप पिता पुत्र के झगड़े का लाभ किन लोगों को हो रहा है। स्वर्गीय पासवान के अधूरे कार्यों को साकार करने के लिए उन्हीं के द्वारा बताए गए रास्तों पर चलना होगा सड़क संसद और न्यायालय के रास्ते चलकर विघटन ही होगा विकास नहीं आपसी सहमति से ही इस का मार्ग प्रशस्त हो सकता है बाबा साहब भीमराव अंबेडकर गांधी लोहिया जयप्रकाश, स्वर्गीय रामविलास पासवान के सपनों को साकार करने के लिए सामाजिक न्याय का रास्ता प्रशस्त करने के लिए त्याग और बलिदान का मार्ग अपनाना होगा गांधी लोहिया जयप्रकाश ने कभी कोई पद नहीं लिया फिर भी सबसे महान है।चिराग पासवान जी इन महापुरुषों के रास्ते पर चलकर के कीर्तिमान स्थापित करने का काम कीजिए। यह मेरी शुभकामनाएं आपके साथ है , आप को सोचना होगा जो अपने पार्टी के 5 सांसदों पांच सांसदों को अपने पार्टी से निकालने का काम किया वह सांसद वह आपके द्वारा निकालने के बावजूद भी वह पार्टी के सम्मानित सदस्य हैं, क्योंकि आप अकेले हैं और 5 के पांचों सांसद बहुमत में हैं, वह यही लोकतंत्र का तकाजा है। अपने पार्टी के 5 सांसदों के द्वारा श्री पशुपति कुमार पारस जी को नेता चुना जाना लोकसभा अध्यक्ष द्वारा संसदीय दल का नेता का मान्यता देना प्रधानमंत्री के अनुशंसा पर केंद्रीय मंत्री के रूप में भारत के राष्ट्रपति द्वारा शपथ ग्रहण कराना माननीय दिल्ली के उच्चतम न्यायालय द्वारा आपका केस खारिज कर दिया जाना यह तमाम चीजें निश्चित रूप से आपको सोचने पर मजबूर करती है। यह सभी लोग गलत नहीं हो सकते हैं। आपने गलत रास्ता अपनाया आप को आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है। आप निश्चित रूप से अपने आप को शांत कीजिए और चिंतन कीजिए जो इस संपूर्ण व्यवस्था आपके खिलाफ आज क्यों हो गए हैं।
ऐसी कौन सी परिस्थिति उत्पन्न हुई जो आपके साथ जो भी अच्छे लोग थे वो तमाम अच्छे लोग साथ छोड़ चुके हैं, और आप चाटुकार और माफियाओं से घिर गए हैं, जो दूरदर्शी नही हैं, जिनको राजनीति का कोई सूझबूझ नहीं है , ना आप का और ना आपके पार्टी का हित का काम कर सकते हैं, वह व्यक्तिगत लाभ के लिए आपको चारों तरफ से घिरे हुए हैं। आप इन लोगों के बीच से हटकर के एक निश्चित रूप से आप को आत्मचिंतन करने का विषय है। आत्मचिंतन कीजिए और हम लोग उम्मीद करते हैं , जो आप अपने घर वापस आयेंगे अपने घर में बैठकर के तमाम समस्याओं का समाधान निकालिए यह उम्मीद है। जो आप तमाम परिस्थितियों को समझने का प्रयास करेंगे और एक ऐसा रास्ता अपनाएंगे जो समान हो और आपके लिए भी सुलभ हो और इन्हीं शुभकामनाओं के साथ मैं उम्मीद करता हूं जो आप निश्चित रूप से इन सब परिस्थितियों पर चिंतन और मनन करेंगे।”

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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