कांटाबांजी (वर्धमान जैन): जैन संस्कारक अंकित जैन ने कहा – आचार्य श्री तुलसी का अवदान जैन संस्कार विधि हमारी संस्कृति को जीवंत रखने का उपक्रम है। तेरापंथ युवक परिषद कांटाबांजी द्वारा प्रतिमाह जैन संस्कार विधि से सामूहिक जन्मदिन का आयोजन हो रहा है। मंत्र हमारे जीवन को मंगलमय बनाते है। मंत्रो का उच्चारण तन्मयता एव श्रद्धा-आस्था के साथ किया जाए तो मंत्र हमारे जीवन को बहुत विकास की ओर ले जाता है। मंत्रो की शक्ति बहुत कुछ कर देती है। स्वयं की शक्ति, सकारात्मक चिंतन, आरोग्य, सिद्धि की प्राप्ति के साथ-साथ हमारा आभामण्डल ओजस्वी, तेजस्वी बनता है। हमे प्रतिदिन मंत्राराधना अवश्य करनी चाहिए। सामूहिक रूप से किया गया मंत्र का जप व्यक्ति एवं स्थान को अधिक पवित्र, शक्तिशाली बनाता है। मुनिश्री प्रशांत कुमारजी मुनि श्री कुमुद कुमार जी की प्रेरणा से कांटाबांजी में प्रारम्भ हुआ यह उपक्रम आप सबके सहयोग से चल रहा है। हम सभी इसी तरह पारिवारिक, सामाजिक एवं व्यक्तिगत कार्यों में जैन विधि को अपनाकर करेगे तो अहिंसा की पालना करते हुए अपनी संस्कृति, संस्कारों को जीवंत रख संकेंगे। आप सभी के प्रति मंगलकामना करता हूँ कि आप सभी स्वस्थ, आत्मस्थ रहते हुए जीवन में सर्वागीण विकास करते रहें।
मीडिया प्रभारी अविनाश जैन ने बताया – संस्कारक अंकित जैन ने अनेक मंत्रो से जैन विधि से जन्म दिवस की विधि पूर्ण की। तेरापंथ युवक -परिषद मंत्री गौरव जैन ने विषय प्रस्तुती पेश की। संस्कारक अंकित जैन का साहित्य से सम्मान गौरव विमल जैन ने किया। पंकज जैन ने उपहार प्रदान किया। प्रायोजक परिवार एवं परिषद का आभार गौरव विमल जैन ने किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन ऋषभ के जैन ने किया। विशेष सहयोग रोहन जैन का ‘प्राप्त हुआ। मंगलपाठ के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।