पटना (रामजी प्रसाद): गो अभयारण्य का विचार सबसे पहले डॉक्टर हरीश यादव ने प्रधानमंत्री कार्यालय को एक सुझाव के रूप में प्रस्तुत किया था। यह विचार उन्होंने अपने गृह जनपद संभल में गांव देहातों में बेसहारा गोवंश पशुओं के लिए एक आश्रय स्थल के रूप में प्रस्तुत किया था। दिनांक 15 सितंबर 2018 को डॉ हरीश यादव ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को एक पत्र लिखकर इस विषय पर अपने विचार उनको दिए थे तथा हरीश यादव ने गो अभ्यारण का एक प्रस्ताव भेजा था जिसे भारत सरकार के पशुपालन विभाग ने सराहा तथा इसे आगे कार्यवाही के लिए नोट कर लिया था ।
अपने प्रस्ताव में डॉ हरीश ने बताया था कि संभल जिले में गाय सार्वजनिक स्थलों व निजी खेतों में घूमती रहती हैं ,इससे फसलों को नुकसान होता है खेतों में व्यवधान होता है। कतिपय किसानों ने धारदार तार लगाए होते हैं, जिससे कई बार गाय जख्मी हो जाती है। इस समस्या को दूर करने के लिए डॉ हरीश ने लिखा था कि गोवंश आश्रय हेतु एक राष्ट्रीय नीति बनाई जाए ।जनपद संभल में गुन्नौर तहसील में भीरावती गांव में वन विभाग की काफी जमीन है जहां बेसहारा गायों हेतु आश्रय या अभयारण्य बनाया जा सकता है इससे गायों का संरक्षण भी होगा तथा किसानों की उपज की रक्षा भी हो सकेगी। उनका यह विचार आज फलीभूत हो गया है जिसे सरकार ने कई राज्यों को सुझाव के रूप में दिया है । जनपद संभल में चरागाह व खाली पड़ी सार्वजनिक भूमि पर गो अभ्यारण बनाया जा रहा है। उनके इस कार्य और योगदान के लिए स्थानीय जनता बहुत खुश है तथा इससे सुखद परिणाम भी निकलेंगे ।
डॉ हरीश यादव भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी व अर्थशास्त्री भी हैं ।विश्व बैंक ,एशियन विकास बैंक समेत कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में अपने नवोन्मेष विचार प्रस्तुत किए हैं और कई नीतियों में अपना योगदान दिया है। यह कई उच्च स्तरीय समितियों के सदस्य भी रह चुके हैं देश व अपने क्षेत्र को सतत विकास के लिए ले जाना इनकी प्राथमिकता है। यह युवाओं के आईकॉन एवं अपने समय को राष्ट्र युवाओं और ग्रामीणों को समर्पित करते हैं।