Benefits Of Spices : प्राकृतिक रूप से तैयार मसाले केवल खाने को स्वादिष्ट ही नहीं बनाते, बल्कि स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं. लाल मिर्च को छोड़ दें, तो मसालों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और कैंसररोधी तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं.
इलायची : पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में सहायक
इसे ‘मसालों की रानी’ कहा जाता है. इसकी खेती भारत, श्रीलंका और मध्य अमेरिका में की जाती है. प्राचीन काल से ही इसका उपयोग मसाले के रूप में और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में किया जाता रहा है. भारत समेत दुनियाभर में खाने में इलायची का इस्तेमाल होता है. इलायची में पाया जाने वाला तेल पाचन क्रिया में सहायक होता है. इसकी वजह से शरीर का मेटाबोलिज्म भी अच्छे से काम करता है और भूख बढ़ती है.
दालचीनी : शुगर के उपचार में भी कारगर
खाने के अलावा दालचीनी का टूथपेस्ट, माउथवाश और च्वुइंगम में भी इसका प्रयोग होता है. दालचीनी में पाये जाने वाले यूजेनाल और सिनेमेल्डीहाइड दर्द निवारक की तरह काम करते हैं. दालचीनी खून के बहाव और थक्का जमने की प्रक्रिया को ठीक रखती है और जलन को दूर करती है. इसके अलावा दालचीनी डायबिटीज के इलाज में भी कारगर है. दालचीनी गर्म होती है, इसलिए ठंड के दिनों में इसके प्रयोग से सर्दी, खांसी व जुकाम से राहत मिलती है.
लौंग : दांत के दर्द झट से करता है दूर
लौंग एक सुगंधित मसाला है, जो लौंग के पेड़ के सूखे फूलों से तैयार होता है. लौंग का प्रयोग साबुत करने के साथ-साथ पीस कर भी किया जा सकता है. आमतौर पर खाने को सुगंधित बनाने के लिए लौंग का इस्तेमाल किया जाता है. दांत के दर्द दूर को करने में लौंग के तेल को बेहतरीन उपचार माना जाता है. इसके अलावा लौंग में पाया जानेवाला यूजेनाल जलन और आर्थराइटिस (जोड़ों की बीमारी) के दर्द से निजात दिलाता है. यह बीटा-कैरोटीन का भी एक बड़ा स्रोत है. इसी की वजह से लौंग का रंग गहरा भूरा होता है.
जीरा : ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ समेटे है यह
दुनियाभर में लोग जीरे का उपयोग भोजन में मसाले के रूप में करते हैं. जीरे के ये छोटे-छोटे बीज में अपने भीतर ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ समेटे हुए हैं. दाल फ्राइ या चावल फ्राइ करने के लिए हम जीरा का उपयोग करते हैं, जो पाचनतंत्र को ठीक रखने के साथ सूजन दूर करने में मददगार साबित होता है. खून साफ रखने में भी जीरा की अहम भूमिका होती है. कई शोधों से पता चला है कि जीरा एंटी बैक्टीरियल गुणों से लैस है. कई अध्ययनों से पता चला है कि जीरा कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है.
हल्दी : कैंसररोधी गुणों से लैस है यह
खाने में इसके उपयोग के साथ-साथ इसका उपयोग सदियों से सांस संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए दवा के रूप में भी किया जाता रहा है. कई शोध के नतीजे बताते हैं कि हल्दी एक सुपर फूड है, जो कैंसररोधी गुणों से लैस है. हल्दी एंटीसेप्टिक की तरह प्रयुक्त की जाती है. साथ ही यह अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) के मरीजों के लिए भी काफी मददगार है. चोट लग जाने पर भी इसका उपयोग किया जाता है. मौसम परिवर्तन होने पर होनेवाली सर्दी में दूध-हल्दी पीना बेहद फायदेमंद माना जाता है.
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