चोटें या घाव समय के साथ ठीक नहीं होती बल्कि हर साल ठंड में तरोताजा हो जाती हैं. आपने अक्सर सुना होगा कि पुराना दर्द वापस से आ गया. ठंड में यह पुराना दर्द फिर से शुरू हो गया है. आज हम जानेंगे कि आखिर क्यूं सालों पुराना दर्द ठंड बढ़ने के साथ या हवा चलने से कैसे वापस आ जाता है. इसके पीछे क्या कुछ कारण है जिसकी वजह से पुरानी चोटों का दर्द बढ़ जाता है. मौसम ठंडा होने पर पहले से पुरानी चोटों या जोड़ों में अचानक दर्द शुरू हो सकता है. पढ़ें इसके पीछे की 4 मुख्य वजह.
तापमान का गिरना
ठंड पड़ने से तापमान गिरने लगता है. इससे शरीर के अंदर दबाव बढ़ता है. इससे आपके शरीर में तरल पदार्थ प्रभावित होता है. दबाव में इस गिरावट के कारण घुटनों और टखनों के आसपास गैसें और तरल पदार्थ तेजी से फैलने लगते हैं. जैसे-जैसे ये तरल पदार्थ फैलते हैं, वे एकत्रित हो जाते हैं और नसों पर असुविधाजनक दबाव बनाते हैं, जिससे पुरानी चोटों में फिर से दर्द होने लगताा है.
लाइफस्टाइल एक्टिव ना रखना
इसका एक कारण लाइफस्टाइल का एक्टिव ना रहना है. सर्दियों के दौरान बहुत से लोग फिजिकल एक्टिविटी से बचते हैं, इस वजह से जोड़ों और मांसपेशियों में अकड़न होने लगती है. इस अकड़न से पुरानी चोटों के बढ़ने की दिक्कत हो सकती है. इस समय लाइफस्टाइल बेहतर रखने के लिए हर दिन व्यायाम और फिजिकल एक्टिविटी में रहना जरूरी है.
नियमित खान पान
इस दर्द को काबू में रखने के लिए जोड़ों को ताकतवर बनाने वाली खाद्य सामग्री का सेवन बहुत जरूरी है. शारीरिक तरल पदार्थों के उचित प्रवाह को प्रोत्साहित करने के लिए ठंडी परिस्थितियों में गर्म रहें. इसका मतलब है कि अपने खान-पान से शरीर को गर्म रखें.
डॉक्टर की लें सलाह
दर्द से होने वाली असुविधा को कम करने के लिए पेन किलर दवाओं का उपयोग करें. अपने डॉक्टर के मार्गदर्शन का पालन करें. दर्द असहनीय होने पर डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. दर्द को नज़रअंदाज न करें और बेहतर स्वास्थ्य के लिए समय-समय पर चिकित्सा सहायता लेते रहें.
मौसम परिवर्तन से दर्द
आर्थोपेडिक एप्लाइंसज से नर्वस सिस्टम में तनाव बढ़ जाता है. तापमान में गिरावट होने पर इसमें प्रेशर बढ़ जाता है. बढ़ती संवेदनशीलता के कारण, नसें मौसम परिवर्तन पर तेजी से प्रतिक्रिया कर सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप पिछली चोटों से दर्द हो सकता है.