कब्ज और गैस ने कर रखा है परेशान, जानें कारण और नेचुरल उपाय

Constipation and Gas Problems

कब्ज और गैस कई बीमारियों की जड़

स्वस्थ शरीर के लिए आपका पाचन तंत्र मजबूत होना चाहिए. लेकिन इससे जुड़ी परेशानियों से आपका स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित होता है. दरअसल कब्ज और गैस कई बीमारियों की जड़ है उम्र बढ़ने के साथ पाचन क्रिया धीरे-धीरे शिथिल होने लगती है जिससे कब्ज होने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में जब कब्ज की बीमारी पुरानी हो जाती है तो पेट में बचे हुए मल से गैस बनने लगती है.इसलिए अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए इनसे बचना चाहिए.

कब्ज के क्या हैं कारण

आज की लाइफस्टाइल में हमारा खान-पान, रहन-सहन सब बदल गया है. अधिक चाय, कॉफी और ठण्डे पेय का सेवन, धूम्रपान, शराब पीना, मानसिक तनाव, शिथिल जीवन शैली, मिर्च मसाले, हरी सब्जी और फल का कम सेवन, मांसाहारी भोजन अधिक खाना इसके मुख्य कारण हैं इसके अलावा स्ट्रीट फूड में स्वाद के लिए गरिष्ठ भोज्यपदार्थों का सेवन भी कब्ज को बढ़ाते हैं

गैस के कारण

कई लोग तो हमेशा गैस से परेशान रहते हैं. जिनकी पेट की समस्या होती है यानी कि पाचन शक्ति खराब रहती है और जो पुरानी कब्ज के शिकार रहते हैं, वे लोग गैस की समस्या से परेशान रहते हैं. इसके साथ ही वायुकारक भोजन जैसे कि उरद दाल और मांसाहारी भोजन का साीधा प्रभाव गैस की बीमारी पर पड़ता है. सब्जियों में सेम, मटर, बीन्स भी गैस बढ़ाते हैं उरद दाल की जगह मूंग की दाल का सेवन करना चाहिए. मैदा, बेसन, फ्राई चीजें, चाट-पकौड़े, चाय- कॉफी बिस्कुट के अधिक सेवन से गैस की बीमारी उत्पन्न हो सकती है. मानसिक तनाव, चिंता, अनिद्रा, गरिष्ठ भोजन, प्रदूषित भोजन से भी गैस की बीमारी उत्पन्न होती है. इससे बचने के लिए सत्तू को पानी में घोलकर पिया जाय तो उससे लाभ होता है, लेकिन लिट्टी में भरकर अधिक सत्तू खाने से यह वायुकारक बन जाता है.

कैसे करें कब्ज और गैस से बचाव

कब्ज और गैस से प्राकृतिक रूप से बचाव करने से बहुत रोगों से मुक्ति मिल जायेगी. इससे बचना है तो हमारा आहार-विहार सात्विक होना चाहिए. कब्ज और गैस की समस्या के पीछे बड़ा कारण हमारी जीवन शैली है. जिससे खाने का टाइम , क्या खा रहे हैं और कितना खा रहे है वो शामिल है इसके अलावा आप कितने तनाव में रहते हैं, सभी का इस पर असर पड़ता है. अपनी जीवन शैली में सुधार लाकर स्थिति में सुधार ला सकते हैं

वज्रासन में बैठना उपाय

  • वज्रासन में बैठना – खाना खाने के बाद करीब 15 मिनट तक वज्रासन में बैठने से पाचन शक्ति को बढ़ाने और गैस कम करने में मदद मिलती है.

  • गैस और कब्ज से बचना है तो पहले का खाना पचने के बाद फिर दुबारा खाना खायें.

  • हल्का, सुपाच्य, संतुलित आहार जैस कि दूध, हरी सब्जियां, मेवा, फलों, सलाद, अंकुरित मूँग, गेहूँ का सेवन करना लाभकारी है.

  • सब्जियों में साग, लौकी, झीगा, करैला, पपीता और फलों में अमरूद, बेल खायें. अमरूद खाने से कब्ज से मुक्ति मिलती है

  • कब्जनाशक फलों में अमरूद के बाद पपीता का स्थान है, अंगूर और आँवला का सेवन भी कारगर उपाय है

दिनचर्या को नियमित बनाये रखें

  • आप कितने भी बिजी क्यों ना हों अपनी दिनचर्या को नियमित बनाये रखें .ताँबे के बर्तन में रात का रखा पानी भर पेट पीयें और कुछ देर टहलने के बाद शौच करने जाए

  • शारीरिक शिथिलता भी कब्ज और गैस के कारण हैं इसलिए सुबह और शाम टहलना चाहिए

  • पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पीएं. गैस से ग्रस्त लोगों को पानी के अलावा छाछ, नारियल पानी का सेवन फायदा देता है. गर्मी में पके बेल का शरबत, खीरा, तरबूज, ककड़ी का सेवन करें अगर आपक गैस से अधिक परेशान हैं तो गरम दूध की जगह ठंडा दूध का सेवन करें

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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