प्रत्येक छात्र के जीवन में एक ऐसा चरण आता है, जहां उन्हें कई कठिनाइयों या बाधाओं का सामना करना पड़ता है, चाहे वह शैक्षणिक स्तर पर हो या कहीं और. स्टूडेंट्स के जीवन में शैक्षणिक परीक्षाओं का बहुत महत्व होता है. कभी-कभी छात्र कड़ी मेहनत करते हैं, फिर भी उन्हें अनुकूल परिणाम नहीं मिल पाता है. ऐसी स्थिति में, माता-पिता तनावग्रस्त हो जाते हैं और प्रतिकूल परिणाम के पीछे का कारण जानने की कोशिश करते हैं.
वास्तु दोष हो सकता है कारण
इसके पीछे का कारण वास्तु दोष हो सकता है. शिक्षा केवल एक छात्र के उज्ज्वल भविष्य में मदद कर सकती है, लेकिन समग्र रूप से एक छात्र के व्यक्तित्व का विकास नहीं कर सकती. ऐसी स्थिति से बचने के लिए विद्यार्थी को अपने अध्ययन कक्ष की व्यवस्था का ध्यान रखना चाहिए. यह एक शानदार शुरुआत और बुद्धिमान पहल के साथ एक छात्र को शैक्षणिक सफलता हासिल करने में मदद करेगा. वास्तु शास्त्र कम मेहनत में बेहतर परिणाम दे सकता है. तो इसी के साथ आइए जानते हैं कि वो कौन से वास्तु टिप्स हैं जिसे अपनाकर स्टूडेंट्स एग्जाम में अच्छे नंबर ला सकते हैं.
वास्तु दोष के कारण ध्यान देना मुश्किल
अगर छात्र जिस स्थान पर पढ़ रहे हैं, वहां वास्तु दोष है, तो उसके लिए पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना एक चुनौती हो सकती है. परीक्षा में टॉप करने के इच्छुक छात्रों को वास्तु शास्त्र के अनुसार अपनी दिशा और पढ़ाई के लिए बैठने के क्षेत्र पर विचार करना चाहिए.
स्टूडेंट्स को इस दिशा में करना चाहिए मुंह
वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर स्टडी टेबल उत्तर-पूर्व दिशा में न हो तो पूर्व दिशा में पढ़ाई करना भी ठीक रहता है. अगर यह भी संभव न हो तो पढ़ाई करते समय विद्यार्थी का मुख उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए.
पढ़ाई के लिए ये दिशा बेहतर
वास्तु के अनुसार पढ़ाई के लिए उत्तर-पूर्व दिशा बेहतर होती है. अगर उपरोक्त संभव न हो तो पश्चिम दिशा अंतिम विकल्प है. ध्यान देने योग्य बात यह है कि पढ़ाई में किसी भी तरह की बाधा न आए इसके लिए दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण-पूर्व दिशा में पढ़ाई नहीं करनी चाहिए.
दरवाजे की ओर पीठ करने से बचें
पढ़ाई करते समय विद्यार्थी को दरवाजे की ओर मुंह करके बैठना चाहिए और दरवाजे की ओर पीठ करने से बचना चाहिए.
रूम का दरवाजा
जिस कमरे में स्टडी टेबल हो उसका दरवाजा और खिड़की उत्तर, उत्तर-पूर्व, पूर्व, पश्चिम दिशा में होनी चाहिए. दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण-पूर्व दिशा में दोनों ही काम नहीं करना चाहिए.
किताबों की शेल्फ को इस दिशा में रखें
किताबों की शेल्फ को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखा जा सकता है, जो इसके स्थान के लिए सबसे अच्छी दिशा मानी जाती है. वास्तु के अनुसार किताबों की शेल्फ को कभी भी उत्तर-पश्चिम दिशा में नहीं रखना चाहिए. अगर उत्तर-पश्चिम दिशा में किताबों की अलमारियां रखी जाती है, तो छात्रों की पढ़ाई में रुचि कम होने लगती है और वे किताबें खो सकते हैं.
किताबें खुली नहीं छोड़ें
पढ़ाई के बाद किताबें खुली नहीं छोड़नी चाहिए. इससे नकारात्मक ऊर्जा फैल सकती है, जिसके परिणामस्वरूप छात्रों का स्वास्थ्य खराब हो सकता है. हालांकि हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप केवल वास्तु के नियमों का पालन करके परीक्षा में उत्तीर्ण हो सकते हैं, अच्छे नंबर लाने के लिए स्टूडेंट्स को मेहनत भी करनी होती है. बिना मेहनत किए कोई सफलता को प्राप्त नहीं कर सकता है.

