New START Treaty क्या है जिससे रूस ने किया किनारा, पुतिन के ऐलान से कैसे बढ़ेंगी अमेरिका की मुश्किलें – what is the new start nuclear arms treaty, know why russia suspends participation in new start treaty

मॉस्को: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने न्यू स्टार्ट संधि से खुद को अलग कर लिया है। यह संधि अमेरिका और रूस के बीच हुई थी। इस संधि में START का अर्थ नई सामरिक शस्त्र न्यूनीकरण संधि (Strategic Arms Reduction Treaty) है। रूस और अमेरिका शीत युद्ध के समय के दुश्मन हैं। ऐसे में दोनों ही देशों ने आपसी प्रतिद्वंदिता से हजारों सामरिक विनाश के हथियार विकसित किए थे। बाद में इसकी बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए अमेरिका और रूस ने आपस में एक संधि की। इस संधि का उद्देश्य परमाणु हथियारों की संख्या को 1550 तक सीमित करना था। इसी को न्यू स्टार्ट संधि का नाम दिया गया।

पुतिन ने क्या कहा

पुतिन ने पश्चिमी देशों को परमाणु युद्ध की चेतावनी देते हुए कहा कि वह ऐतिहासिक न्यू स्टार्ट संधि को निलंबित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रूस नए स्ट्रैटजिक सिस्टम्स को युद्ध के लिए तैनात कर रहा है। पुतिन ने यह भी चेतावनी दी कि रूस परमाणु परीक्षण फिर से शुरू कर सकता है। उन्होंने कहा कि रूस अपने युद्ध के लक्ष्यों को प्राप्त करेगा। पुतिन ने पश्चिमी देशों पर रूस को नष्ट करने की कोशिश का आरोप लगाया। पुतिन ने अपने भाषण के दौरान दावा किया कि रूस को युद्ध के मैदान में हराना असंभव है। अमेरिका को चेतावनी देते हुए पुतिन ने कहा कि वग वैश्विक स्तर पर युद्ध को भड़का रहा है। ऐसे में रूस न्यू स्टार्ट संधि में भागीदारी को निलंबित कर रहा है।

5 फरवरी 2011 को लागू हुई थी न्यू स्टार्ट संधि

न्यू स्टार्ट संधि 5 फरवरी 2011 को लागू हुई थी। इसकी अवधि दस साल यानी वर्ष 2021 तक थी, जिसे पाच साल और बढ़ाकर वर्ष 2026 तक कर दिया गया था। तब दोनों देशों को संधि के तहत अपने परमाणु हथियारों को सीमित संख्या तक लाने के लिए सात साल का मौका दिया गया था। इसमें कहा गया था कि जब तक संधि लागू रहती है, दोनों देश अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को सीमित रखेंगे। अमेरिका और रूस दोनों ही 5 फरवरी, 2018 तक नई स्टार्ट संधि की सीमाओं को पूरा कर लिया था। तब से दोनों देश उससे नीचे बने हुए हैं।

नई स्टार्ट संधि की शर्तें क्या थीं

1- न्यू स्टार्ट संधि के तहत दोनों देश 700 स्ट्रैटजिक हथियारों के लॉन्चर्स को तैनात करने पर राजी हुए थे। इसमें अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBMs), सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल (SLBMs), और परमाणु हथियारों से लैस भारी बमवर्षक विमान शामिल थे।

2- तैनात किए गए अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल, सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु बमवर्षकों पर 1,550 परमाणु वॉरहेड तैनात करने पर सहमति बनी थी। एक मिसाइल अपने साथ कई परमाणु वॉरहेड ले जा सकती है। ऐसे में मिसाइलों की संख्या कम और परमाणु वॉरहेड की संख्या अधिक हो सकती है।

न्यू स्टार्ट संधि टूटने से क्या खतरा

न्यू स्टार्ट संधि से रूस के हटने से अमेरिका के साथ परमाणु हथियारों की होड़ फिर शुरू हो सकती है। पुतिन ने खुद ऐलान किया है कि रूस अपनी रक्षा के लिए परमाणु हथियारों का विकास शुरू करेगा। रूस के पास पहले से ही दुनिया में सबसे अधिक परमाणु हथियार हैं। ताकत के मामले में भी रूसी परमाणु हथियार दुनिया में सबसे अधिक शक्तिशाली हैं। ऐसे में रूस नए हथियार बनाने के लिए परमाणु परीक्षण भी कर सकता है। रूस का मुकाबला करने के लिए अमेरिका भी परमाणु हथियारों के पीछे दौड़ सकता है। इससे दुनिया में परमाणु हथियारों की रेस फिर से शुरू हो सकती है।

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Sunil Kumar Dhangadamajhi

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