Global Warming News: एक दशक में 1.5 डिग्री सेल्‍सियस तक गर्म होगी पृथ्‍वी, दुनिया में बढ़ेगी और ज्‍यादा गर्मी – more worries as earth will get warmer by 1.5 degree celcius says a study on climate change

बोस्टन: उत्सर्जन कम होने के बावजूद दुनिया 10 से 15 साल के भीतर 1.5 डिग्री सेल्सियस की ग्लोबल वार्मिंग (वैश्विक तापमान वृद्धि) की सीमा पार कर जायेगी। एक अध्ययन में यह अनुमान जताया गया है।अध्ययन के अनुसार, परिणामों का अनुमान जताने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का इस्तेमाल किया गया। अध्ययन के अनुसार, यदि अगले कुछ दशकों में उत्सर्जन अधिक रहता है, तो इस सदी के मध्य तक पूर्व-औद्योगिक समय की तुलना में पृथ्वी के औसतन दो डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म होने का अनुमान है। साथ ही इसके 2060 तक उस सीमा तक पहुंचने का भी अनुमान है।

पहले से ही ज्‍यादा है तापमान
‘जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज’ में प्रकाशित इस अध्ययन में दुनियाभर के हालिया तापमान अवलोकनों का उपयोग करके जलवायु परिवर्तन का अनुमान जताया गया है। अध्ययन के प्रमुख लेखक, अमेरिका में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के एक जलवायु वैज्ञानिक, नूह डिफेनबॉघ हैं। डिफेनबॉघ ने कहा, ‘ भविष्य के बारे में अनुमान जताने के लिए जलवायु प्रणाली की वर्तमान स्थिति पर निर्भर एक पूरी तरह से नए दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए, हम पुष्टि करते हैं कि दुनिया 1.5 डिग्री सेल्सियस सीमा पार करने की दहलीज पर है।’

उन्होंने कहा, ‘हमारे एआई मॉडल से यह स्पष्ट है कि पहले से ही धरती पर तापमान अधिक है और यदि इसके शुद्ध शून्य उत्सर्जन तक पहुंचने में एक और आधी शताब्दी लगती है, तो इसके दो डिग्री सेल्सियस को पार करने का अनुमान है।’ 1.5 सेल्सियस डिग्री तापमान का आंकड़ा पार करना और दो डिग्री सीमा रेखा का मतलब साफ है कि दुनिया साल 2015 में हुए पेरिस समझौते के लक्ष्‍यों का हासिल करने में असफल रही है।

इस समझौते में देशों ने वादा किया था कि वह ग्‍लोबल वॉर्मिंग को प्री-इंडस्‍ट्रीयल स्‍तर के 2 डिग्री सेल्सियस वाले तापमान से काफी नीचे रखा जाएगा। पूर्व के आकलनों से साफ हुआ है कि वैश्विक क्‍लाइमेट मॉडल्‍स को भावी चेतावनियों के लिए प्रयोग किया गया है।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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