पहली बार घटी चीन की आबादी, दुनिया में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बनने की कगार पर भारत

बीजिंग :चीन की आबादी में वर्ष 1961 के बाद पहली बार कमी दर्ज की गई है, वहीं भारत सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बनने की कगार पर पहुंच गया है। चीन के सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार देश का जनसांख्यिकीय संकट 2022 में गहरा गया, क्योंकि 1961 के बाद पहली बार गिरती जन्म दर के कारण इसकी आबादी में कमी दर्ज की गई है। इस बीच एक पूर्वानुमान में कहा गया है कि चीन को पछाड़कर भारत दुनिया का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बन जाएगा। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) के अनुसार, देश में पिछले वर्ष की तुलना में 2022 के अंत में आबादी 8,50,000 कम रही।

एनबीएस की ओर से मंगलवार को की गई घोषणा ऐसे समय हुई है जब चीन की आर्थिक वृद्धि पांच दशकों में अपने दूसरे सबसे निचले स्तर पर आ गई है और वर्ष 2022 में चीन में तीन प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की गई। यह ब्यूरो हांगकांग, मकाओ और स्वशासी ताइवान के साथ-साथ विदेशी निवासियों को छोड़कर केवल चीन की मुख्य भूमि की आबादी की गणना करता है। संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (जनसंख्या प्रभाग) की ओर से विश्व जनसंख्या संभावना 2022 की हालिया रिपोर्ट में अनुमान व्यक्त किया गया है कि भारत 2023 में दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन को पछाड़ देगा।

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2050 में भारत की आबादी 1.668 अरब होने का अनुमान है, जो इस सदी के मध्य तक चीन की अनुमानित 1.317 अरब की आबादी से अधिक है। ब्यूरो ने मंगलवार को बताया कि 1.041 करोड़ लोगों की मौत के मुकाबले 95.6 लाख लोगों के जन्म के साथ देश की आबादी 1.411.75 अरब रह गई। इनमें से 72.206 करोड़ पुरुष और 68.969 करोड़ महिलाएं हैं। चीन में वर्ष 2016 में ‘एक परिवार एक बच्चा’ नीति खत्म कर दी गई थी। साथ ही देश में परिवार के नाम को आगे बढ़ाने के लिए पुरुष संतान को तरजीह देने का चलन है। यह नीति खत्म करने के बाद चीन ने परिवारों को एक से अधिक बच्चों के जन्म के लिए प्रोत्साहित किया, हालांकि इसमें अधिक सफलता नहीं मिल पाई।

चीन के शहरों में बच्चों के पालन-पोषण के अत्यधिक खर्च को अक्सर इसकी एक वजह बताया जाता है। पूर्वी एशिया के अधिकतर हिस्सों में ही ऐसा देखने को मिलता है, जहां जन्म दर में तेजी से गिरावट आई है। चीन लंबे समय से दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश रहा है, लेकिन जल्द ही भारत के इसे पीछे छोड़ने की संभावना है। भारत की अनुमानित आबादी अभी 1.4 अरब है और जो लगातार बढ़ रही है। ऐसा माना जाता है कि आखिरी बार चीन में 1950 के दशक के अंत में ‘ग्रेट लीप फॉरवर्ड’ के दौरान जनसंख्या में गिरावट दर्ज की गई थी।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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