एनएल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह नक्शा गेल्डरलैंड के बेटुवे इलाके में उस सटीक जगह को दिखाता है जहां नाजी लूट छिपी हो सकती है। नक्शे से पता चलता है कि खजाना ओमेरेन और लिंडेन के डच गांवों के बीच कहीं दबा हुआ है। नेशनल अर्काइव्स के एनेट वाल्केन्स ने एक डच ब्रॉडकास्टर को बताया, ‘अर्न्हेम की सुरक्षा के दौरान, रॉटरडैम्श बैंक की एक शाखा में एक विस्फोट हुआ था। जर्मन सैनिकों ने लूटी गई चीजों को अपने कोट में भरा था।’
कोई नहीं ढूंढ़ पाया हिटलर का खजाना
कहा जाता है कि लूट को गोला-बारूद के बक्सों में छिपाया गया था, जिन्हें बाद में ओमेरेन में दफना दिया गया। खजाने को खोजने के कई प्रयास किए गए लेकिन कथित तौर पर उसे कभी ढूंढ़ा नहीं जा सका। कहते हैं कि नीदरलैंड इसकी तलाश के लिए एक नाजी अधिकारी को देश में वापस लाया लेकिन यह प्रयास भी सफल नहीं हुआ। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि चोरी किए गए आभूषण खजाने की तलाश करने वालों को पहले ही मिल गए होंगे लेकिन उन्होंने इसकी घोषणा नहीं की।
दस्तावेजों में शामिल दर्दनाक कहानियां
हेग में नेशनल अर्काइव्स की ओर से पहली बार सार्वजनिक रूप से जारी की गईं 1000 से अधिक चीजों में नाजी खजाने का नक्शा और अन्य दस्तावेज शामिल हैं। दस्तावेजों में द्वितीय विश्व युद्ध, यातना शिविरों में दुर्व्यवहार और कैबिनेट मंत्रियों की बैठकों के बारे में जानकारी शामिल है। नेशनल अर्काइव्स ने कहा, ‘इस संग्रह में ‘डच लोगों’ के समूह के खिलाफ यातना, अपमान और बदले की दर्दनाक कहानियां हैं।’