पेरीहीलियन के दौरान पृथ्वी अपनी कक्षा में सूर्य के सबसे नजदीक होती है लेकिन यह वह समय भी होता है जब पृथ्वी सबसे अधिक ठंडी होती है। यह विरोधभासी लग सकता है लेकिन यह वास्तव में पृथ्वी के अपनी धुरी पर 23.44 डिग्री झुकाव के कारण होता है। यही झुकाव साल के अलग-अलग समय में दोनों गोलार्द्ध को मिलने वाली धूप और अलग-अलग ऋतुओं का कारण बनता है।
पृथ्वी के झुकाव का क्या असर पड़ता है?
उत्तरी गोलार्द्ध में दिसंबर में ही सर्दियों की शुरुआत हो गई थी। इस दौरान दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं और दिन में सूर्य आकाश में कम दिखाई देता है। वहीं दक्षिणी गोलार्द्ध में यह गर्मियों की शुरुआत का समय है। वर्तमान में उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य से दूर और दक्षिणी गोलार्द्ध सूर्य की ओर झुका हुआ है। हालांकि दक्षिणी गोलार्द्ध का ज्यादातर हिस्सा समुद्र से बना हुआ है जो भारी मात्रा में अतिरिक्त गर्मी को अवशोषित करता है।
धरती के चुंबकीय क्षेत्र में दाखिल होगा सौर तूफान
धरतीवासी जब सूर्य से निकटतम बिंदु पर होंगे तब कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) नामक सौर कणों का तूफान धरती के चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करेगा। यह टक्कर एक मामूली जी1-क्लास के जियोमैग्नेटिक तूफान को ट्रिगर कर सकती है। यह रेडियो ब्लैकआउट का कारण बन सकता है और धरती पर रंगीन अरोरा देखने को मिल सकती हैं। पृथ्वी आगामी 6 जुलाई को सूर्य से अपने दूरस्थ बिंदु पर होगी।