काबुल : अफगानिस्तान की एक महिला ने तालिबान की सजा से बचने के लिए फांसी लगा ली। महिला पर एक विवाहित पुरुष के साथ भागने का आरोप था। तालिबान की क्रूर और दर्दनाक सजा के सामने उसे फांसी लगाकर अपनी जान लेना आसान लगा और खौफ में आकर उसने अपनी जान ले ली। तालिबान की सजा के तहत एक दिन बाद भीड़ पत्थर मार-मारकर उसकी हत्या करने वाली थी। 24 साल की महिला का नाम सलीमा बताया जा रहा है। 10 अक्टूबर को मध्य अफगानिस्तान के घोर प्रांत स्थित अपने घर से भागने के बाद तालिबान ने उसे एक शादीशुदा शख्स के साथ पकड़ा था।
सलीमा को व्यभिचार (Adultery) के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी और शुक्रवार को उस पर पत्थरबाजी होनी थी। खबरों की मानें तो सलीमा की शादी हो चुकी थी और उसने अपने प्रेमी के साथ घर छोड़ दिया था। उसके प्रेमी का नाम सिराजुद्दीन बताया जा रहा है जिसे तालिबान ने गोली मार दी। अपनी सजा से ठीक एक दिन पहले गुरुवार को सलीमा फांसी के फंदे से झूलती हुई मृत पाई गई। Rukhshana Media ने इसकी जानकारी दी है। अगले दिन महिला को दफना दिया गया।
सलीमा को उसके प्रेमी के साथ तालिबानी बलों ने पकड़ा था जो खोजी अभियान चला रहे थे। तालिबान ने दावा किया कि सलीमा और सिराजुद्दीन दोनों शादीशुदा थे और एक-दूसरे के साथ प्रेम संबंधों में थे। वे अपने-अपने घर से भाग गए थे। तालिबान ने दोनों को गिरफ्तार किया था। कहा जा रहा है कि सिराजुद्दीन के भागने की कोशिश करने पर तालिबान ने उसे गोली मार दी। घोर के पुलिस प्रमुख के तालिबानी प्रवक्ता ने पुष्टि की है कि सुरक्षा बलों ने सिराजुद्दीन को मार दी।
उन्होंने दावा किया कि सुरक्षा बलों ने रात में सिराजुद्दीन को भागने से रोकने की कोशिश की लेकिन वह मारा गया क्योंकि वहां बहुत अंधेरा था। साल 2015 में अफगानिस्तान में तालिबान नियंत्रण वाले एक इलाके में एक विवाहित महिला की पत्थर मारकर हत्या करने का वीडियो वायरल हुआ था। महिला पर अपने प्रेमी के साथ भागने का आरोप था। वीडियो में करीब 19 से 21 साल की एक महिला को एक गड्ढे में लेटे देखा गया था जिस पर करीब 15 पुरुषों का एक समूह पत्थर बरसा रहा था।