रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने सुझाव दिया कि तुर्की को यूरोप में रूसी गैस पहुंचाने के लिए एक केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है

मॉस्को: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन ने कजाखिस्तान में मुलाकात की है। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई है। पुतिन ने एर्दोगन को प्रस्ताव दिया है कि रूस, तुर्की के माध्यम से अधिक गैस का निर्यात कर सकता है। उन्होंने कहा कि रूस की मंशा तुर्की को एक नई सप्लाई हब के रूप में स्थापित करने की है। पुतिन ने दो दिन पहले भी नॉर्ड स्ट्र्रीम-2 के जरिए यूरोपीय देशों को और अधिक मात्रा में गैस सप्लाई करने का दांव फेंका था। पुतिन के इस बयान को यूरोपीय देशों की उर्जा संकट को दूर करने के तौर पर भी देखा गया। फ्रांस सहित अधिकतर यूरोपीय देश इस समय तेल और गैस की किल्लत से जूझ रहे हैं। ऐसे में अगर एर्दोगन, पुतिन के ऑफर पर सहमत हो जाते हैं तो यूरोपीय देशों के बीच तुर्की की ताकत और ज्यादा बढ़ सकती है।

पुतिन ने तुर्की को दिया बड़ा ऑफर
पुतिन ने कजाकिस्तान में एर्दोगन के साथ बैठक में कहा कि इस हब के काम के दौरान, जिसे हम एक साथ बना सकते हैं, निश्चित रूप से, यह न केवल आपूर्ति के लिए, बल्कि कीमत निर्धारित करने के लिए भी एक मंच होगा, क्योंकि मूल्य निर्धारण एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है। आज ऊर्जा की कीमतें आसमान छू रही हैं। हम बिना किसी राजनीतिक रंग के इसे सामान्य बाजार स्तर पर आसानी से ला सकते हैं। टीवी पर प्रसारित इस मुलाकात के दौरान एर्दोगन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। बाद में रूस की सरकारी आरआईए नोवोस्ती ने क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के हवाले से कहा कि दोनों नेताओं ने इस प्रस्ताव पर तुरंत काम करने और संभावनाएं तलाशने पर सहमति जताई है।

पुतिन-एर्दोगन के बीच यूक्रेन संकट पर नहीं हुई बात
रूसी न्यूज एजेंसी आरआईए नोवोस्ती ने क्रेमलिन का हवाला देते हुए कहा कि पुतिन और एर्दोगन ने गुरुवार को अस्ताना में अपनी द्विपक्षीय बैठक के दौरान यूक्रेन में संघर्ष को हल करने के तरीकों पर चर्चा नहीं की। सरकारी समाचार एजेंसी ने क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के हवाले से कहा कि रूसी-यूक्रेन समझौते के विषय पर चर्चा नहीं हुई। दरअसल, पहले एर्दोगन ने रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थ बनने की बहुत कोशिश की थी। उन्होंने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच अंकारा में कई दौर की बैठक भी करवाई थी, हालांकि उनका कोई परिणाम नहीं निकला था।

रूस के साथ अनाज डील बढ़ाने के पक्ष में तुर्की
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि उनका देश जुलाई में हुए समझौते को जारी रखने और मजबूत करने के लिए मास्को के साथ काम जारी रखेगा। इसके जरिए काला सागर के माध्यम से यूक्रेनी बंदरगाहों से अंतरराष्ट्रीय बाजार तक बहुत जरूरी अनाज की आपूर्ति हो सकेगी। पहले यह डील नवंबर तक के लिए की गई थी, जिसे बाद में रूस और यूक्रेन की सहमति होने पर बढ़ाया जा सकता है। एर्दोगन का कहना है कि रूस और तुर्की यह निर्धारित कर सकते हैं कि किन कम आय वाले देशों में रूसी अनाज और उर्वरकों का निर्यात किया जा सकता है। राष्ट्रपति पुतिन का कहना है कि यूक्रेन के अनाज प्राप्त करने वाले देशों को समझौते में मध्यस्थता करने में उनकी भूमिका के लिए तुर्की के नेता का आभारी होना चाहिए।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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