बाइडन-हैरिस प्रशासन की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति कहती है कि अमेरिका, भारत स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के साझा दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए मिलकर काम करेंगे

वॉशिंगटन: अमेरिका ने नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति जारी की है। इसमें चीन और रूस को अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में भारत का भी जिक्र किया गया है। बाइडेन प्रशासन ने बताया है कि अमेरिका और भारत मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत के अपने साझा दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय दोनों व्यवस्थाओं में मिलकर काम करेंगे। इस दस्तावेज में अमेरिका ने साफ तौर पर कहा है कि वह नया शीत युद्ध नहीं चाहता है और ऐसी स्थिति से बचना चाहता है, जिसमें दुनिया दो ध्रुवों में बंट जाए। अमेरिका ने यह भी कहा है कि वह परमाणु युद्ध के जोखिम को कम करना चाहता है लेकिन अपने शस्त्रागार का आधुनिकीकरण करना जारी रखेगा।

अमेरिका ने भारत के साथ प्रतिबद्धताओं की पुष्टि की
वॉशिंगटन में सार्वजनिक की गई अमेरिका की नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में कहा गया है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और एक प्रमुख रक्षा भागीदार है, ऐसे में मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत के अपने साझा दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए अमेरिका और भारत द्विपक्षीय और बहुपक्षीय रूप से मिलकर काम करेंगे। रणनीति में हिंद-प्रशांत संधि सहयोगियों – ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, फिलीपीन और थाईलैंड के लिए अमेरिका की दृढ़ प्रतिबद्धताओं की पुष्टि की गई है।

अमेरिका ने गठबंधन देशों के आधुनिकीकरण करने का दावा किया
दस्तावेज में कहा गया है कि हम इन गठबंधनों का आधुनिकीकरण करते रहेंगे। हम अपनी पारस्परिक सुरक्षा संधि के तहत जापान की रक्षा के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं, इसमें जिसमें सेनकाकू द्वीप शामिल हैं। अमेरिका, भारत सहित विश्व की कई अन्य शक्तियां चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामता की पृष्ठभूमि में मुक्त, खुले और संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आवश्यकता पर जोर देती रही हैं। चीन विवादित दक्षिण चीन सागर के लगभग सम्पूर्ण क्षेत्र पर अपना दावा करता है हालांकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रूनेई, मलेशिया, वियतनाम भी इसके हिस्सों पर दावा करते है। चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप बनाए हैं और सैन्य प्रतिष्ठान स्थापित किए हैं।

अमेरिका परमाणु युद्ध के जोखियों को कम करने के लिए प्रतिबद्ध
इसमें कहा गया है कि हम परमाणु युद्ध के जोखिमों को कम करने के लिए समान रूप से प्रतिबद्ध हैं। इसमें हमारी रणनीति में परमाणु हथियारों की भूमिका को कम करने के लिए और कदम उठाने और पारस्परिक, सत्यापन योग्य हथियार नियंत्रण के लिए यथार्थवादी लक्ष्यों का पीछा करना शामिल है। यह हमारी निवारक रणनीति में योगदान करते हैं और वैश्विक विस्तावादी रवैये पर रोक लगाता है। इसमें दावा किया गया है कि अमेरिका ने तनाव को कम करने, नए संघर्षों के जोखिम को कम करने, और कूटनीति का उपयोग करते हुए, भागीदारी को मजबूत करने के लिए साझेदारी, गठबंधन और गठबंधन बनाने में अमेरिका के अद्वितीय तुलनात्मक लाभ के आधार पर क्षेत्र में अमेरिकी नीति के लिए एक नया ढांचा तैयार किया है।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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