कीव: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध करीब 7 महीने बाद अब अपने सबसे खतरनाक दौर में पहुंच गया है और दुनिया को इसके अंजाम से ही डर सताने लगा है। पुतिन ने रिजर्व सैनिकों को यूक्रेन की जंग में उतारने का ऐलान कर दिया है। यूरोप में सर्दियां शुरू होने वाली है और रूस यूक्रेन के कब्जा किए हुए 4 इलाकों में जनमत संग्रह करा रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही इसके परिणाम का ऐलान किया जाएगा। जनमत संग्रह के बाद रूस इन इलाकों को अपनी जमीन होने की घोषणा कर देगा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुलेआम कहा है कि रूस की ‘जमीन’ पर अगर हमला किया गया तो हमारी सेना हर तरीके के हथियार से जवाब देगी। माना जा रहा है कि उन्होंने रूसी परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दी है।
इस बीच अमेरिका और नाटो देशों ने साफ कह दिया है कि रूस की ओर से कराया गया जनमत संग्रह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध है। उन्होंने कहा है कि रूस के इस जनमत संग्रह के बाद उसके खिलाफ और ज्यादा प्रतिबंध लगाए जाएंगे। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका के इन प्रतिबंधों का कोई असर नहीं होगा और रूस इस मौके का इस्तेमाल अपने उस अजेंडे को लागू करने में करेगा जिसका इशारा पिछले सप्ताह रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने किया था।लावरोव ने कहा था कि रूस के पास अपनी सीमा में शामिल हुए इलाकों की रक्षा करने का पूरा अधिकार है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक लावरोव का इशारा स्पष्ट रूप से परमाणु हथियारों की ओर है। पुतिन ने भी कहा था कि रूस अगर जरूरत होगी तो सभी तरह के उपलब्ध हथियारों का इस्तेमाल करेगा। पुतिन के इस बयान के बाद अमेरिका के संदेशों में बहुत बड़ा बदलाव आया है। पिछले कुछ महीनों से पश्चिमी देशों के अधिकारी बार-बार यह कह रहे थे कि परमाणु जंग का खतरा यूक्रेन में नहीं है। अब अमेरिकी राष्ट्रपति और उनके कैबिनेट के सदस्य सार्वजनिक रूप से अपने सहयोगियों और दुनिया के अन्य देशों को जोरदार जवाबी कार्रवाई का भरोसा देने के लिए बाध्य हुए हैं।अमेरिका ने सार्वजनिक रूप से परमाणु हथियारों को लेकर रूस को चेतावनी दी है। सीएनएन के मुताबिक यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन की स्थिति कमजोर हुई है। रूस के नागरिक रिजर्व सैनिकों को बुलाए जाने का कड़ा विरोध कर रहे हैं और देश छोड़कर भाग रहे हैं। कई देशों की सीमा पर लाइन लगी है और हवाई जहाज के टिकट खत्म हो गए हैं। यही नहीं यूक्रेन युद्ध में उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा है। यूक्रेन की सेना ने बहुत बड़े पैमाने पर अपनी जमीन को रूसी कब्जे से मुक्त करा लिया है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि पुतिन अपनी हार को सहन नहीं कर सकते हैं। उनकी परंपरागत सेना कमजोर हो गई है और वह अब परमाणु हथियारों की ओर बढ़ सकते हैं।