कुछ खाद्य पदार्थ के परहेज से दर्दनाक पीरियड्स में राहत मिल सकती है

ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन दर्द से राहत देता है इसमें चिया बीज, अखरोट, अलसी के बीज, सैल्मन शामिल हैं.

ओमेगा-3 फैटी एसिड प्राकृतिक रूप से मछली, कॉड लिवर,सोयाबीन और कैनोला तेल सहित कई तेलों में मौजूद होते हैं.ओमेगा-3 फैटी एसिड हमारी कोशिकाओं के कार्य करने के तरीके और सूजन और दर्द से जुड़े सिग्नलिंग मार्गों को प्रभावित करता है.

विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन भी आपको पीरियड के क्रैम्प्स से राहत देता है इसमें सैल्मन, टूना और मैकेरल साथ ही मछली के जिगर के तेल शामिल हैं.

अंडे की जर्दी और पनीर में भी विटामिन डी की थोड़ी मात्रा पाई जाती है. मशरूम में विटामिन डी के विभिन्न स्तर होते हैं,

सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर शरीर विटामिन डी बना सकता है और आप पूरक आहार से भी विटामिन डी प्राप्त कर सकते हैं.

विटामिन डी गर्भाशय में सूजन पैदा करने वाले कारकों को कम करने में मदद कर सकता है. इसमें प्रोस्टाग्लैंडिंस नामक हार्माेन जैसे अणुओं का स्तर शामिल है.

विटामिन ई की खुराक मासिक धर्म के दर्द को कम करती है. इसमें सूरजमुखी के बीज , नट्स विशेष रूप से बादाम, हेज़लनट्स और मूंगफली, पालक, ब्रोकोली, कीवीफ्रूट, आम और टमाटर शामिल हैं.

ऐसे खाद्य पदार्थ जो मासिक धर्म के दर्द या ऐंठन को बढ़ा सकते हैं उसमें प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ जैसे टेकअवे, चिप्स, बिस्कुट, डोनट्स, प्रसंस्कृत मांस और शीतल पेय शामिल हैं.

कैफीन का सेवन मासिक धर्म के दर्द को बढ़ा सकता है इसलिए इसका अधिक सेवन करने से परहेज करें

शराब पीना दर्दनाक माहवारी को बढ़ाता है .शराब का सेवन रक्त में मैग्नीशियम के स्तर को कम कर देता है. जबकि मांसपेशियों को आराम देने और रक्त प्रवाह को समर्थन देने में मैग्नीशियम एक महत्वपूर्ण कारक है
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