मालदीव लक्षद्वीप विवादः चीन से लौटते ही मुइज्जू ने तरेरी आंख, भारत के खिलाफ दे दिया बड़ा बयान

Maldives Lakshadweep dispute: हाल के दिनों में भारत और मालदीव के बीच जारी राजनीतिक तकरार के बीच राष्ट्रपति मुइज्जू चीन के दौरे से लौट आये हैं. अपने देश मालदीव आते ही उन्होंने भारत के खिलाफ बड़ा बयान दे दिया है. मुइज्जू ने कहा है कि मालदीव को छोटा सा देश समझकर कोई किसी को इसे धमकाने का अधिकार नहीं है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति मुइज्जू ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि हमें धमकाने का लाइसेंस किसी के पास नहीं है. इससे पहले पीएम मोदी को लेकर मालदीव के कुछ नेताओं की अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी से दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी आई है. जिसके बाद से भारतीय लोगों की ओर से मालदीव के बहिष्कार ट्रेंड कर रहा है.

चीन से लगाई क्षतिपूर्ति की गुहार
बता दें, पीएम मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया में पोस्ट करने से उठे विवाद के बाद भारत के कई लोगों ने मालदीव जाने का प्रोग्राम कैंसिल कर दिया है. इससे मालदीव की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं, इस घाटे की भरपाई के लिए मालदीव ने चीन से गुहार लगाई है. मालदीव ने चीन से कहा है कि वो अपने ज्यादा से ज्यादा लोगों को मालदीव जाने के लिए प्रेरित करें. मुइज्जू ने कहा है कि कोविड से पहले सबसे ज्यादा मालदीव आने वाले लोगों में चीन के लोगों का नाम शामिल है. उन्होंने चीन से अपील की है कि वो ऐसी कोशिश करे जिससे ज्यादा से ज्यादा चीनी लोग मालदीव विजिट करें.

मालदीव में बाहरी हस्तक्षेप का चीन विरोध करता है- बीजिंग
गौरतलब है कि भारत और मालदीव के बीच जारी राजनीतिक संकट के बीच बीजिंग ने गुरुवार को कहा था कि वह मालदीव के आंतरिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप का दृढ़ता से विरोध करता है और द्वीपीय राष्ट्र की संप्रभुता और स्वतंत्रता को कायम करने में उसका समर्थन करता है. वहीं, मुइज्जू की शीर्ष चीनी नेताओं के साथ बातचीत के बाद एक संयुक्त बयान में कहा गया  कि दोनों पक्ष अपने मूल हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे का दृढ़ता से समर्थन करते रहने पर सहमत हैं.

चीन ने भारत का नाम लिए बगैर कहा कि चीन राष्ट्रीय संप्रभुता, स्वतंत्रता और राष्ट्रीय गरिमा को बनाए रखने में मालदीव का दृढ़ता से समर्थन करता है. दरअसल मोइज्जू घोर चीनी समर्थक हैं. अपने छह दिन के चीन दौरे में उन्होंने ड्रैगन के साथ कई समझौते पर साइन भी किए हैं. कुल मिलाकर हाल के दिनों में भारत से मालदीव की दूरी हो गई है, तो वहीं चीन से उसकी करीबियां बढ़ी है. बीते दिनों प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद मालदीव की सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के इस दौरे की कुछ तस्वीरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद गहराया हुआ है. मामले पर विवाद बढ़ने के बाद इन तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया था. लेकिन इसके बाद लक्षद्वीप मालदीव विवाद ने इस घटना को और हवा दे दी.

भाषा इनपुट के साथ

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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