वेतन विवाद के बाद पापुआ न्यू गिनी में भड़की हिंसा, 16 लोगों की मौत के बाद आपातकाल की घोषणा

पापुआ न्यू गिनी में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है. प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने यह घोषणा तब की जब देश में कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन किए गए, जिसमें 16 लोगों की मौत हो गई. सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पुलिस अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया है. प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने गुरुवार को राजधानी पोर्ट मोरेस्बी में दो सप्ताह के आपातकाल की घोषणा की.

पापुआ न्यू गिनी में क्यों भड़की हिंसा

दरअसल बुधवार को पापुआ न्यू गिनी में तब अशांति शुरू हुई, जब पुलिस, रक्षा अधिकारी और अन्य लोक सेवक अप्रत्याशित वेतन कटौती के विरोध में अपनी नौकरी छोड़ कर चले गए. सरकार ने इस त्रुटि के लिए कंप्यूटर गड़बड़ी को जिम्मेदार ठहराया. साथ ही समस्या को जल्द ठीक करने का वादा भी किया. लेकिन कर्मचारी सरकार की बात नहीं माने और पोर्ट मोरेस्बी में स्थिति तेजी से बिगड़ गई. विरोध प्रदर्शन में एक दर्जन से अधिक दुकानों में आग लगा दी गई और बड़े पैमाने पर लूटपाट की खबरें आईं.

10 मिलियन वाले देश पापुआ न्यू गिनी में बेरोजगारी और जीवनयापन की भारी समस्या

10 मिलियन वाले पापुआ न्यू गिनी में इस समय बेरोजगारी और जीवनयापन की समस्या से लोग गुजर रहे हैं. जब उनके वेतन में कटौती की घोषणा की गई, तो कर्मचारियों में असंतोष भड़क उठी और लोग हिंसा के लिए सड़क पर उतर गए.

हिंसा को रोकने के लिए 1000 विशेष सुरक्षा बल तैनात

पापुआ न्यू गिनी की सरकार ने हिंसा को रोकने के लिए लगभग 1000 विशेष सुरक्षा बल को तैनात किया है. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, पुलिस आयुक्त डेविड मैनिंग के अलावा, मारापे ने सरकार के वित्त, राजकोष और कार्मिक प्रबंधन विभागों के प्रमुखों को भी निलंबित कर दिया. पोर्ट मोरेस्बी में अमेरिकी दूतावास ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि पुलिस और रक्षा बल काम पर लौट आए हैं. हालांकि बताया जा रहा है कि तनाव अभी भी व्याप्त है.

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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