( स्वामी विमलेश ,वास्तु शास्त्री )
शरद पूर्णिमा को आज खंडग्रास चन्द्रग्रहण लग रहा है. चंद्रग्रहण रात 1 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगा और रात्रि में 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. भारतीय समय अनुसार चंद्र ग्रहण लगने के 9 घंटे सूतक काल लगता है जबकि बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और रोगी के लिए सूतक प्रारम्भ समय रात्रि 08:36 से होगा. इस दौरान आपके मन में कई सवाल उठ रहे होंगे कि ग्रहण के वक्त क्या करना चाहिए क्या नहीं ? तो यहां मौजूद हैं आपकी हर शंका का समाधान.
शरद पूर्णिमा खीर प्रसादी कब बनानी है और कब सेवन करना है ?
सूतक काल में बाहर भ्रमण कर सकते हैं या नहीं ?
-
अनावश्यक नहीं भ्रमण करें , परंतु सूतक का समय लंबा होता है तो पूरा बैठ पाना संभव नहीं होता इसलिए सेवा आदि गतिविधि चालू रख सकते हैं, समस्या नहीं, समय हो तो जप, ध्यान में लगाना चाहिए .
पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा को अर्घ्य देते हैं तो ग्रहण के दिन देना है या नहीं ?
सूतक काल में चंद्रमा की किरणों में बैठकर लाभ ले सकते हैं या नहीं ?
ले सकते हैं ।
ग्रहण के समय सोना चाहिए या नहीं ?
ग्रहण के समय खा सकते है ?
सूतक में स्नान, पेशाब और शौच कर सकते हैं या नहीं ?
ग्रहणकाल के दौरान अध्ययन कर सकते हैं क्या ?
-
बिल्कुल नहीं, नारद पुराण के अनुसार – ‘‘चन्द्रग्रहण और सूर्यग्रहण के दिन, उत्तरायण और दक्षिणायन प्रारम्भ होने के दिन कभी अध्ययन न करे . अनध्याय (न पढ़ने के दिनों में) के इन सब समयों में जो अध्ययन करते हैं, उन मूढ़ पुरुषों की संतति, बुद्धि, यश, लक्ष्मी, आयु, बल तथा आरोग्य का साक्षात् यमराज नाश करते हैं ’’