चीन को एक और झटका देने की तैयारी में भारत, जानिए कैसे

नयी दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा पर कई महीनों से लगातार गतिरोध जारी है। गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई झड़प के बाद स्थिति सामान्य नहीं हुई है। इस असामान्य स्थिति का असर दोनों देशों के बीच होने वाले कारोबार पर भी देखने को मिला है। भारत ने अपनी तरफ से कार्रवाई करते हुए चीन से कई सामानों का आयात कम और नियम सख्त कर दिए हैं। साथ ही चीन से आने वाले निवेश के नियम भी काफी टाइट किए गए हैं। इसी बीच भारत चीन को एक और झटका देने की तैयारी कर कर रहा है। इस बार टेलीकॉम सेक्टर से जुड़े नियमों को सख्त किया जाएगा।

सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देश (National Security Directive) जारी करने का फैसला किया है, जिसमें दूरसंचार उपकरणों और स्रोतों की जांच अनिवार्य होगी। इसे भारत के चीनी उपकरण विक्रेताओं के खिलाफ ताजा आर्थिक कदम माना जा रहा है। बता दें कि इस प्रस्ताव को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) ने हरी झंडी दिखा दी है। इससे सरकार देश के सभी टेलीकॉम कंपनियों के लिए कुछ भरोसेमंद स्रोतों और प्रोडक्ट की लिस्ट तैयार करेगी।

हालांकि सरकार ने उस देश का नाम लेने से परहेज किया जो प्रभावित होगा। मगर इसे स्पष्ट रूप से भारत के आक्रामक पड़ोसी चीन के लिए ही माना जा रहा है। इससे चीन की हुआवेई और जेडटीई जैसी कंपनियों की तरफ से किसी भी गुप्त ऑपरेशन से निपटने और टेलीकॉम सेक्टर के लिए किसी भी संभावित खतरे को दूर करने में मदद मिलेगी। हुआवेई और जेडटीई के जांच का सामना करने की संभावना है।

हुआवेई के भारत में प्रमुख ग्राहकों में एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और अन्य एंटरप्राइज कस्टमर्स शामिल हैं। वहीं जेडटीई बीएसएनएल और अन्य सरकारी टेलीकॉम कंपनियों की प्रमुख सप्लायर है। वे इक्विपमेंट जो पहले से लगा दिए गए हैं उन पर कोई परेशानी नहीं आएगी, मगर आगे चल सभी टेलीकॉम गियर (खास कर जिनका इस्तेमाल 5जी के लिए होता है) पर कड़ी नजर रखी जाएगी।

चीनी उपकरण आपूर्तिकर्ता वैश्विक स्तर पर पहले से ही सवालों के घेरे में हैं। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और यूके जैसे देशों ने इन पर प्रतिबंध लगा दिया है। खास कर 5जी क्षेत्र में। जर्मनी जैसे कुछ अन्य देश इन कंपनियों पर निगरानी का दायरा बढ़ा रहे हैं। उपकरण विक्रेताओं के अलावा वे दूरसंचार ऑपरेटर जो हुआवेई और जेडटीई से उत्पादों की सोर्सिंग कर रहे हैं, घबराए हुए हैं।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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