रूस का मिशन मून फेल, चांद पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ लूना-25 अंतरिक्ष यान

Luna 25 : मिशन मून में रूस को बड़ा झटका लगा है. रूस की अंतरिक्ष एजेंसी ने रविवार को जानकारी देते हुए कहा कि उसका लूना-25 अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. ‘रोसकॉसमॉस’ ने बताया कि उसका मानवरहित रोबोट लैंडर कक्षा में अनियंत्रित होने के बाद चंद्रमा से टकरा गया. रूस ने 1976 के सोवियत काल के बाद पहली बार इस महीने की शुरुआत में अपना चंद्र मिशन भेजा था. यान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर आने से पहले रोसकॉसमॉस ने शनिवार को जानकारी दी कि ‘असमान्य परिस्थिति’ उत्पन्न हो गई है और विशेषज्ञ समस्या का विश्लेषण कर रहे हैं.

अनियंत्रित कक्षा में घूमने के बाद चंद्रमा से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त

रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने रविवार को कहा कि रूस का लूना-25 अंतरिक्ष यान अनियंत्रित कक्षा में घूमने के बाद चंद्रमा से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. लूना-25 47 वर्षों में रूस का पहला चंद्रमा मिशन था. बताया जा रहा है कि इस यान का पता लगाने और उससे संपर्क करने के लिए 19 और 20 अगस्त को किए गए उपाय असफल रहे है. रोसकोस्मोस ने एक बयान में कहा, ”उपकरण अप्रत्याशित कक्षा में चला गया और चंद्रमा की सतह से टकराव के परिणामस्वरूप अस्तित्व समाप्त हो गया.”

11:10 GMT पर विमान को प्री-लैंडिंग कक्षा में ले जाने की कोशिश

एजेंसी ने कहा था कि एक “असामान्य स्थिति” उत्पन्न हुई जब मिशन नियंत्रण ने 21 अगस्त के लिए नियोजित टचडाउन से पहले शनिवार को 11:10 GMT पर विमान को प्री-लैंडिंग कक्षा में ले जाने की कोशिश की. रोस्कोस्मोस ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान, स्वचालित स्टेशन पर एक असामान्य स्थिति उत्पन्न हुई, जिसने निर्दिष्ट मापदंडों के साथ युद्धाभ्यास करने की अनुमति नहीं दी… शनिवार को 11:57 GMT पर लूना-25 के साथ संचार टूट गया. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू की जाएगी, बिना यह बताए कि क्या तकनीकी समस्याएं हुई होंगी.

चांद की सतह से टकरा गया यान

रूस की अंतरिक्ष एजेंसी ने रविवार को कहा कि उसका लूना-25 अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. ‘रोसकॉसमॉस’ ने रविवार को बताया कि उसका मानवरहित रोबोट लैंडर कक्षा में अनियंत्रित होने के बाद चंद्रमा से टकरा गया. एजेंसी ने बताया कि यान में चंद्रमा से उतरने से पहले की कक्षा में भेजने के बाद समस्या आई और शनिवार को उससे संपर्क टूट गया. रोसकॉसमॉस ने कहा, ‘‘यान अपूर्वानुमेय कक्षा में चला गया और इसकी वजह से यह चांद की सतह से टकरा गया.’’

1976 के सोवियत काल के बाद पहली बार भेजा था चंद्र मिशन

रूस ने 1976 के सोवियत काल के बाद पहली बार इस महीने की शुरुआत में अपना चंद्र मिशन भेजा था. यान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर आने से पहले रोसकॉसमॉस ने शनिवार को जानकारी दी कि ‘असमान्य परिस्थिति’ उत्पन्न हो गई है और विशेषज्ञ समस्या का विश्लेषण कर रहे हैं. रोसकॉसमॉस ने टेलीग्राम पोस्ट में कहा, ‘‘अभियान के दौरान स्वचालित स्टेशन पर असमान्य परिस्थिति उत्पन्न हुई जिसकी वजह से तय मानकों के अनुसार मार्ग में तय बदलाव नहीं किया जा सका.’’

सोमवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना था

अंतरिक्ष यान को सोमवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना था. इसकी प्रतिस्पर्धा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान-3 से थी जिसे 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतरना है. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को लेकर वैज्ञानिकों की विशेष रुचि है जिसके बारे में माना जाता है कि वहां बने गड्ढे हमेशा अंधेरे में रहते हैं और उनमें पानी होने की उम्मीद है. चट्टानों में जमी अवस्था में मौजूद पानी का इस्तेमाल भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए वायु और रॉकेट के ईंधन के रूप में किया जा सकता है.

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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