अध्ययन में ये पाया गया
अध्ययन में ये पाया गया कि इस डेटा की तुलना उन लोगों से की गई जो प्रति माह तीन से कम चीनी वाले मीठे पेय पदार्थ पीते थे. जेएएमए नेटवर्क ओपन में प्रकाशित रिसर्च में दी गई जानाकरी के अनुसार, मीठे पेय पदार्थों के सेवन और पुरानी यकृत रोग मृत्यु दर के बीच संबंध की रिपोर्ट करने वाला पहला अध्ययन है. महिला प्रतिभागियों ने अपने सामान्य शीतल पेय, फल पेय (फलों का रस शामिल नहीं) की खपत की सूचना दी, और फिर तीन साल के बाद कृत्रिम रूप से मीठे पेय की खपत की सूचना दी. औसतन 20 वर्षों से अधिक समय तक उनका अनुसरण किया गया. शोधकर्ताओं ने स्व-रिपोर्ट की गई लिवर कैंसर की घटनाओं और क्रोनिक लिवर रोग जैसे फाइब्रोसिस, सिरोसिस, या क्रोनिक हेपेटाइटिस के कारण होने वाली मृत्यु को देखा, जिसे आगे चिकित्सा और/या मृत्यु रिकॉर्ड द्वारा सत्यापित किया गया.