यूक्रेन में स्थायी शांति लाने के प्रयास में भारत की भूमिका अहम, अमेरिका ने की तारीफ

अमेरिका ने यूक्रेन में स्थायी शांति लाने के लिए मदद करने में भारत की भूमिका का स्वागत किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रूस के लिए एक रणनीतिक विफलता, जिसमें सैन्य कर्मियों के अलावा सैन्य उपकरणों दोनों का भारी नुकसान हुआ है. दुनिया में उसकी साख पर असर पड़ा. हमने देखा कि हमारे द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों तथा निर्यात पाबंदियों के कारण उसकी अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि दुनिया के अन्य देश क्या कर सकते हैं, इस संबंध में मैं कहूंगा कि इस संघर्ष की शुरुआत के बाद से यूक्रेन को जो अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला है, हम उसका स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि हम उस भूमिका का स्वागत करते हैं जो भारत या कोई अन्य देश यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता तथा यूक्रेन की संप्रभुता को मान्यता देने वाली न्यायसंगत व स्थायी शांति लाने के लिए मदद करने में निभा सकता है. अमेरिका का मानना ​​है कि यूक्रेन में युद्ध एक रणनीतिक विफलता रही है.

युद्ध के 500 दिन पूरे

आपको बता दें कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण को गत शनिवार को 500 दिन पूरे हो गए थे. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने शनिवार को रूस के साथ युद्ध के 500 दिन पूरे होने पर काला सागर के स्नेक द्वीप से एक वीडियो में देश के सैनिकों की सराहना की. ज़ेलेंस्की ने द्वीप के लिए लड़ने वाले यूक्रेनी सैनिकों और देश के अन्य सभी रक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि द्वीप पर पुनः नियंत्रण प्राप्त करना इस बात का एक बड़ा सबूत है कि यूक्रेन अपने क्षेत्र के हर हिस्से को फिर से हासिल कर लेगा.

कैसे शुरू हुआ युद्ध

उल्लेखनीय है कि रूसी सेना ने 24 फरवरी, 2022 को आक्रमण शुरू करने के दिन इस द्वीप पर कब्ज़ा कर लिया था और वह इसे यूक्रेन के सबसे बड़े बंदरगाह तथा इसकी नौसेना के मुख्यालय ओडेसा पर हमले के लिए एक मंच के रूप में उपयोग करना चाहती थी. यूक्रेनी सेना ने वहां रूसी पक्ष पर भारी बमबारी की, जिससे रूसी सैनिकों को 30 जून, 2022 को द्वीप से पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा.

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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