चीन ने हमदर्दी दिखाते हुए मंगलवार को कहा कि जिंगतांग बंदरगाह पर फंसे भारतीय पोत की हर संभव मदद कर रहे हैं। चीन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया से लाए गए कोयले के साथ एक चीनी बंदरगाह पर पांच महीनों से फंसे भारतीय पोत के नौवहन दल के 23 सदस्यों को कोविड-19 के नियमों की सीमा में रहते हुए सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
नौवहन दल ने तत्काल सहायता मांगी
ऑस्ट्रेलिया से कोयला लेकर चीन जा रहा जग आनंद नामक पोत जून से चीन के जिंगतांग बंदरगाह पर फंसा हुआ है। पोत के नौवहन दल के सदस्य तत्काल राहत की मांग कर रहे हैं क्योंकि उन्हें पोत से उतरने की अनुमति नहीं मिली है। आईटीएफ- एशिया प्रशांत क्षेत्र की ओर से दिए गए वक्तव्य के अनुसार, उनकी समस्याओं पर भारतीय राष्ट्रीय नाविक संघ, अंतरराष्ट्रीय परिवहन श्रमजीवी संघ (आईटीएफ) और अंतरराष्ट्रीय सामुद्रिक संघ ने आवाज उठाई है।
संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए नियम स्पष्ट
पोत पर फंसे भारतीय नाविकों की समस्या पर आईटीएफ द्वारा चिंता जताने पर सवाल पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने संवाददाताओं से कहा कि बंदरगाहों पर संक्रमण को फैलने से रोकने तथा दल के सदस्यों के पृथक-वास के लिए चीन के नियम स्पष्ट है और इन नियमों के अनुसार हम दल के सदस्यों को सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी विशेष जानकारी के लिए आपको संबंधित चीनी अधिकारियों या स्थानीय सरकार से संपर्क करना चाहिए।
पोत ‘बर्थिंग’ के लिए कतार में है
भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर कहा कि भारतीय नौवहन दल के सदस्यों की समस्याओं से हेबेई प्रांत की सरकार को अवगत करा दिया गया है, जहां बंदरगाह स्थित है। उन्होंने कहा कि हेबेई सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि पोत ‘बर्थिंग’ के लिए कतार में है और कोविड-19 महामारी से संबंधित कड़े नियमों के चलते नौवहन दल के सदस्यों को बदला नहीं जा सकता।
दूतावास के अधिकारियों ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वह दल के सदस्यों को किसी भी प्रकार की चिकित्सा सहायता उपलब्ध करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पोत चाहे तो वहां से जा सकता है। उन्होंने कहा कि हेबेई प्रांत की सरकार की प्रतिक्रिया से पोत परिवहन कंपनी को अवगत करा दिया गया है।

