अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन का राजनीतिक करियर काफी लंबा रहा है। अगर वह इस बार राष्ट्रपति चुनाव जीते तो शपथ लेते वक्त 78 साल की उम्र में अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे।
व्यक्तिगत जीवन
जो बाइडेन यानी जोसेफ रॉबिनेट बाइडेन जूनियर का जन्म साल 1942 में पेन्सिलवेनिया राज्य के स्क्रैंटन में हुआ था। वह अपने बचपन में ही डेलवेयर चले गए थे।
1972 में बाइडेन सीनेट के लिए चुने गए सबसे कम उम्र के लोगों में से एक बने। कुछ ही हफ्तों बाद, बाइडेन के परिवार में एक त्रासदी हुई, जब एक कार एक्सीडेंट में उनकी पत्नी नीलिया और बेटी नाओमी की मौत हो गई, जबकि उनके बेटे हंटर और ब्यू गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
सिंगल फादर बनकर बेटों को पाला
बाइडेन अपने बेटों को देखने के लिए विलमिंगटन और वॉशिंगटन डीसी के बीच रोजाना एमट्रैक ट्रेन से सफर करते थे। जिसके बाद वह ‘एमट्रैक जो’ नाम से लोकप्रिय हो गए थे। पांच साल तक, बाइडेन ने अपनी बहन वैलेरी और उनके परिवार की मदद से ब्यू और हंटर को सिंगल फादर के तौर पर पाला था।
साल 2015 में 46 साल की उम्र में बाइडेन के बड़े बेटे ब्यू की ब्रेन कैंसर से मौत हो गई थी। बाइडेन के छोटे बेटे हंटर की बात करें तो एक वकील और लॉबिस्ट के रूप में उनका करियर भ्रष्टाचार के आरोपों का निशाना रहा है। नीलिया की मौत के 5 साल बाद बाइडेन ने जिल से शादी की थी। उनकी एश्ली नाम की एक बेटी है, जिसका जन्म 1981 में हुआ था।
पहले भी उतर चुके हैं, राष्ट्रपति चुनाव की रेस में
डेलवेयर से 6 बार सीनेटर रह चुके बाइडेन राष्ट्रपति चुनाव की रेस में तीसरी बार उतरे हैं। उनकी पहली कोशिश 1988 के चुनाव के लिए थी, हालांकि तब उन्हें साहित्यिक चोरी के आरोप में पीछे हटना पड़ा था। उन्होंने अपनी दूसरी कोशिश 2008 के चुनाव के लिए की थी। बाइडेन को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का करीबी माना जाना है। वह ओबामा के कार्यकाल में 2008 से 2016 तक दो बार उपराष्ट्रपति भी रह चुके हैं। 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन की जीत के लिए ओबामा भी काफी जोर लगाते दिखे हैं।
भारत से है खास कनेक्शन
डेलावेयर से 1972 में सीनेटर चुने जाने पर बाइडेन को मुम्बई से उन्हीं के उपनाम वाले एक व्यक्ति ने बधाई देने के लिए पत्र भेजा था। सीनेटर बनने के लिए उन्हें ‘बाइडेन फ्रॉम मुंबई’ ने शुभकामनाएं दी थीं और बताया था कि उनका एक-दूसरे से रिश्ता है। बाइडेन उस समय 29 साल के थे और उस शख्स से मिलना चाहते थे लेकिन परिवार और राजनीतिक प्रतिबद्धताओं के चलते ऐसा हो ना सका। पांच दशक बाद भी वह अपनी इस इच्छा को पूरी करना चाहते हैं और जब भी किसी भारतीय-अमेरिकी या भारतीय नेता से मुलाकात करते हैं तो ‘बाइडेन फ्रॉम मुम्बई’ का जिक्र जरूर करते हैं।
बाइडेन ने लोगों से कहा था, ‘‘1972 में जब मैं 29 साल का था और अमेरिकी सीनेटर चुना गया था तब मुझे एक पत्र मिला था, जिसका जवाब ना देने का मुझे आज भी अफसोस है। शायद दर्शक में बैठा कोई वंशावली विशेषज्ञ मेरी मदद कर सके। मुझे मुंबई से बाइडेन नाम के एक सज्जन पुरुष का पत्र मिला था, जिसमें उसने कहा था कि हम दोनों का एक-दूसरे से कोई रिश्ता है।
बाइडेन ने कहा, ‘‘शायद हमारे पूर्वर्जों का कोई संबंध हो या 1700 में ‘ईस्ट इंडिया ट्रेडिंग कम्पनी’ में काम करने के लिए कोई मुम्बई आया हो।”
इसके कुछ साल बाद वाशिंगटन डीसी में भी एक भाषण के दौरान बाइडेन ने कहा था कि उनके पूर्वज एक थे, जिन्होंने ‘ईस्ट इंडिया कम्पनी’ के लिए काम किया और जो तब भारत गए थे।

