भारत-चीन सीमा पर हालात स्थिर, बातचीत से सुलझाएं मसले… एलएसी पर झड़प पर ड्रैगन ने तोड़ी चुप्पी

बीजिंग : भारत चीन सीमा पर दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प के बाद एलएसी पर एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। अरुणाचल प्रदेश में करीब 300 पीएलए सैनिकों को भारतीय जवानों ने एलएसी पर आगे बढ़ने से रोक दिया था। अब इस मामले पर चीन ने पहली बार बयान जारी किया है और सीमा पर हालात ‘स्थिर’ बताए हैं। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में पूरी घटना की विस्तृत जानकारी दी और कहा कि भारतीय जवानों ने पीएलए सैनिकों को दृढ़ता से जवाब दिया और उन्हें वापस लौटने के लिए मजबूर किया।

पिछले शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। करीब 300 पीएलए सैनिक भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहे थे लेकिन भारत के जवानों ने उन्हें वापस खदेड़ दिया। इस दौरान हुए संघर्ष में दोनों तरफ के सैनिक घायल हुए हैं। खबरों की मानें तो चीनी सैनिकों के पास गहरी चोट पहुंचाने वाले हथियार थे, जैसे कीलों वाला डंडा और इलेक्ट्रोशॉक वाली टेजर गन।

भारत-चीन सीमा पर झड़प की खबर पहली बार सामने आने के करीब 12 घंटे बाद चीन ने इस मामले पर बयान जारी किया है। एलएसी पर संघर्ष की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन ने कहा कि सीमा पर स्थिति स्थिर है। उसने राजनयिक और सैन्य रास्तों के जरिए सीमा मुद्दों पर अबाधित बातचीत का आह्वान किया। इधर दिल्ली में राजनाथ सिंह ने सदन में पूरे मामले की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चीनी को इस तरह की कार्रवाई के लिए मना किया गया है और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया है।

भारत और चीन की सेनाएं अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में पहले भी आमने-सामने आ चुकी हैं। इससे पहले अक्टूबर 2021 में भी दोनों के बीच विवाद हुआ था। दरअसल चीन यांग्त्से की 17,000 फुट ऊंची चोटी पर कब्जा करना चाहता है। यह चोटी रणनीतिक रूप से बेहद अहम है। इतनी ऊंचाई से लएसी के दोनों ओर का कमांडिंग व्यू मिलता है जिससे सीमा के दोनों तरफ नजर रखना आसान हो जाता है।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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