काठमांडू : भारत और नेपाल के बीच यूं तो खुली सीमा है जहां से आने-जाने के लिए किसी को पासपोर्ट या वीजा की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन फिलहाल पिथौरागढ़ के धारचूला में सीमा पर तनाव पैदा हो गया है और दोनों देशों को जोड़ने वाला एक पुल अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। भारत के व्यापारियों और कर्मचारियों पर नेपाल के लोगों की पत्थरबाजी के विरोध में अंतरराष्ट्रीय पुल को बंद कर दिया गया है। पत्थरबाजी और लाठीचार्ज के विरोध में ट्रेड यूनियन ने यह फैसला किया है। नेपाल के गृह मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय से इस समस्या के स्थायी समाधान की गुहार लगाई है।
काठमांडू पोस्ट की खबर के अनुसार, काली नदी की दोनों ओर से पथराव किया गया जिसमें एक नाबालिग सहित चार नेपाली नागरिक घायल हो गए। नेपाल के गृह मंत्रालय के उप प्रवक्ता बसंत भट्टाराई ने न्यूज वेबसाइट को बताया, ‘गृह मंत्रालय ने सोमवार को विदेश मंत्रालय को धारचूला में बार-बार होने वाले विवादों के दीर्घकालिक समाधान की गुहार लगाते हुए पत्र लिखा है।’
भट्टराई ने कहा कि हमने विदेश मंत्रालय से भारत के साथ दीर्घकालिक समाधान की तलाश के लिए बातचीत शुरू करने को कहा है। नेपाली विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उनके कार्यालय को गृह मंत्रालय से पत्र मिले हैं लेकिन समय की कमी के चलते, वे भारतीय पक्ष को चिंताओं से अवगत नहीं करा सके। मंगलवार को इन्हें पढ़ा जाएगा और फिर भारतीय पक्ष से बात की जाएगी।
नेपाल की तरफ से पत्थरबाजी के विरोध में अंतरराष्ट्रीय पुल को बंद करने पर ट्रेड यूनियन के जॉइंट मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘हमने पत्थरबाजों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए नेपाल प्रशासन से कहा है। अगर वे अफवाहों पर भरोसा कर रहे हैं तो हम उनसे मुलाकात करके बातें स्पष्ट करने की कोशिश करेंगे।’ व्यापार मंडल के अध्यक्ष बी थापा ने कहा कि हमारा विरोध प्रदर्शन नेपाल सरकार की ओर से हमारे स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों पर लाठीचार्ज के खिलाफ है। हमने पुल को बंद कर दिया है। अगर तीन दिनों के भीतर प्रशासन ने कदम नहीं उठाए तो हम भूख हड़ताल पर बैठेंगे और अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।