International Yoga Day 2023: योग ने पूरी दुनिया को स्वस्थ रहने की प्रेरणा दी. दुनिया भर में योग की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया है. बता दें कि योग दिवस मनाने की शुरुआत साल 2014 से हुई थी. योग को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने में प्राचीन और आधुनिक दोनों तरह के योग गुरुओं की अहम भूमिका रही है. भारत के योग गुरुओं ने योग विज्ञान को पूरी दुनिया में फैलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. जानें उन योग गुरुओं के बारे में जिनकी वजह से पूरी दुनिया में योग का प्रचार-प्रसार बढ़ा है.
महर्षि पतंजलि
योग की शुरुआत महर्षि पतंजलि ने ही की थी. उन्हें योग का जनक भी कहा जाता है. महर्षि पतंजलि ने योग के 195 सूत्रों का प्रतिपादन किया. ये सूत्र योग के आधार हैं. उन्होंने अष्टांग योग के बारे में भी बताया, जो स्वस्थ जीवनशैली के लिए जरूरी माना जाता है.
स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद के बारे में पूरी दुनिया जानती है. स्वामी विवेकानंद ने योग के माध्यम से पूरे विश्व में भारतीय समाज के बारे में बताया. उन्होंने लोगों को राज, कर्म और भक्ति योग के बारे में बताया. स्वामी ने योग के माध्यम से मानसिक अशांति और मन की कठिनाइयों से बाहर निकलने का तरीका भी बताया.
बीकेएस अयंगर
आधुनिक समय में आचार्य बीकेएस अयंगर ने महर्षि पतंजलि के योग सिद्धांतों को आगे बढ़ाया. अयंगर ने ही दुनिया को योग के फायदों से अवगत कराया था. हालांकि साल 2014 में बीकेएस अयंगर ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. उनकी उम्र 95 साल थी.
आचार्य के पट्टाभि जॉयस
आचार्य के पट्टाभि जॉयस के योग शिष्यों में अभिनेत्री मैडोना और ग्वेनेथ पाल्ट्रो जैसे कई बड़े हॉलीवुड सितारों के नाम शामिल हैं. उन्होंने अष्टांग विनयसा योग में विशेषज्ञता हासिल की.
तिरुमलाई कृष्णमाचार्य
योग की बात करें तो तिरुमलाई कृष्णमाचार्य का नाम भी लिया जाता है. उन्हें आधुनिक योग का जनक कहा जाता है. खास बात यह है कि उन्हें योग के अलावा आयुर्वेद का भी ज्ञान था. उन्होंने योग को लोगों तक पहुंचाने के लिए पूरे भारत की यात्रा की.
महर्षि महेश योगी
महर्षि महेश योगी ने लोगों को भावातीत ध्यान के बारे में बताया. दरअसल, यह एक ऐसी साधना है, जिसमें ध्यान करने वाला व्यक्ति दुनिया से परे महसूस करता है. विदेशों में यह योग बहुत लोकप्रिय है.
स्वामी शिवानंद
पेशे से डॉक्टर स्वामी शिवानंद ने दुनिया को हठ, कर्म और मास्टर योग के बारे में बताया. उन्होंने एक गीत के माध्यम से योग के 18 गुणों की चर्चा की.