Sukhdev Jayanti 2023, Sukhadev Thapar Quotes: सुखदेव (जन्म- 15 मई 1907, मृत्यु- 23 मार्च 1931) का पूरा नाम सुखदेव थापर था. सुखदेव थापर ने लाला लाजपत राय की मौत का बदला लिया था. इन्होने भगत सिंह को मार्ग दर्शन दिखाया था. इन्होने ही लाला लाजपत राय जी से मिलकर चंद्रशेखर आजाद जी को मिलने कि इच्छा जाहिर कि थी. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे. उन्हें भगत सिंह और राजगुरु के साथ 23 मार्च 1931 को फाँसी पर लटका दिया गया था. इनके बलिदान को आज भी सम्पूर्ण भारत में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. सुखदेव भगत सिंह की तरह बचपन से ही आज़ादी का सपना पाले हुए थे. यहां देखें सुखदेव थापर के जीवन से जुड़े बेहतरीन कोट्स
Sukhadev Thapar Quotes: दिल हमारे एक हैं एक ही
दिल हमारे एक हैं एक ही है हमारी जान,
हिंदुस्तान हमारा है हम हैं इसकी शान,
जान लुटा देंगे वतन पे हो जायेंगे कुर्बान,
इसलिए हम कहते हैं मेरा भारत महान.
सुखदेव थापर
Sukhadev Thapar Quotes: दे सलामी इस तिरंगे को
दे सलामी इस तिरंगे को
जिस से तेरी शान हैं,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका
जब तक दिल में जान हैं!
सुखदेव थापर
Sukhadev Thapar Quotes: इतिहास में गूंजता एक नाम है
इतिहास में गूंजता एक नाम है सुखदेव थापर जी,
शेर की दहाड़ का जश था जिसमे वो थे सुखदेव थापर जी,
छोटी सी उम्र में देश के लिए शहीद हुए जवान थे सुखदेव थापर जी,
आज भी जो रोंगटे खड़े करदे ऐसे विचार के धनी थे सुखदेव थापर जी ..
सुखदेव थापर
Sukhadev Thapar Quotes: सर झुके बस उस
सर झुके बस उस शहादत में
जो शहीद हुए हमारी हिफाजत में
जय हिन्द जय हिन्द की सेना..
सुखदेव थापर
Sukhadev Thapar Quotes: आपको सत सत नमन् धन्या
आपको सत सत नमन् धन्या हुई ,
वो माटी जिस पर तूने जन्मा लिया,
शीश नवाये उस माता को जिसने तुझको जन्मा दिया,
सीने में गोली खाकर हंसते हंसते मरने वाले तुझे प्रणाम..
सुखदेव थापर
Sukhadev Thapar Quotes: शहादत पर सौ सौ सलाम होना
शहादत पर सौ सौ सलाम होना चाहिए,
अबके घमासान ही सही नाही युद्ध विराम होना चाहिए,
कर दिया ना-पाक के, आतंक के,
टुकड़े टुकड़े ये इल्ज़ाम हम ही पर होना चाहिए.
सुखदेव थापर
Sukhadev Thapar Quotes: रगड़ के मिटटी वतन की
रगड़ के मिटटी वतन की,
यह मैला बदन पाक हो जाये,
दरकार लाये लहू से वतन सींचने की,
मेरा कतरा कतरा से आगाज़ हो जाये.
सुखदेव थापर
Sukhadev Thapar Quotes: हर्षोउल्लास की हुई थी
हर्षोउल्लास की हुई थी बारिश,
सावन का हसीं महीना था,
प्रफुल्लित हुआ था देश हमारा,
देशभक्तो का तन गया सीना था,
इस बार न मांगी भिक्षा पंडित ने,
कटोरी में हक़ को छिना था.
सुखदेव थापर