लखनऊ: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वीपी सिंह सरकार में पीडब्ल्युडी मंत्री रहे दलसिंगार यादव की कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया। दलसिंगार यादव ने गुरुवार की सुबह लखनऊ स्थित सरदार पटेल डेंटल कॉलेज में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। वो 90 साल के थे और 9 सितंबर को उनकी तबियत खराब हुई थी, जिसके बाद वो एक निजी डॉक्टर के पास पहुंचे थे, जहां डॉक्टर ने उनकी कोरोना जांच की। 11 सितंबर को उनकी जांच रिपोर्ट पाजिटिव आई थी, जिसके बाद उन्हे राजकीय मेडिकल कॉलेज में चक्रपानपुर में भर्ती कराया गया था। यहां हालत में सुधार होता न देखकर उन्हें लखनऊ के सरदार पटेल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी गुरुवार को मौत हो गई। उनकी मौत की जानकारी मिलते ही पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई है। मोहल्ले के लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन से जनपद ही नहीं प्रदेश को जो क्षति हुई है, उसे पूरा कर पाना निकट भविष्य में संभव नहीं है।
दलसिंगार यादव मूल रूप से महराजगंज थाना क्षेत्र के ईश्वरपुर गांव के रहने वाले थे। वर्ष 1969 में पहली बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने इन्हें गोपालपुर विधानसभा से प्रत्याशी बनाया और वे चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच गए। वर्ष 1970 में दलसिंगार यादव कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस ने लगातार दो बार उन्हे गोपालपुर से मैदान में उतारा, लेकिन दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 1980 के विधानसभा चुनाव में वे कांग्रेस के टिकट पर गोपालपुर से दूसरी बार विधायक चुने गए। वर्ष 1980 में यूपी में वीपी सिंह के नेतृत्व में सरकार बनी तो वर्ष 1981 में इन्हें उप पीडब्ल्यूडी मंत्री बनाया गया। लेकिन इनका कार्यकाल मात्र एक साल का रहा। वर्ष 1982 में श्रीपति मिश्र यूपी के सीएम बने तो दलसिंगार यादव को मंत्रिमंडल से हटा दिया गया। इसके बाद वे वर्ष 1991 में जनता दल के टिकट पर गोपालपुर से तीसरी बार विधायक चुने गए। दलसिंगार यादव की गिनती प्रदेश के कद्दावर नेताओं में होती थी। दलसिंगार यादव के चार पुत्रों में तीन ने राजनीति में कोई रुचि नहीं ली, लेकिन तीसरे नंबर के दिनेश यादव ने राजनीति को अपना करियर बनाया। वर्ष 2007 में दिनेश यादव जनता दल के टिकट पर गोपालपुर से चुनाव लड़े लेकिन हार गए। बाद में उन्होंने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया। कांग्रेस ने वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में दिनेश को गोपालपुर से प्रत्याशी बनाया लेकिन समाजवादी पार्टी की लहर में वह कोई करिश्मा नहीं कर पाए।