देहरादून: शहरों में हाहाकार मचाने के बाद अब कोरोना वायरस गांवों में अपना प्रकोप दिखा रहा है। ग्राणीण क्षेत्रों में महामारी से निपटने के लिए उत्तराखंड ने कई कदम उठाए हैं। शहरी के साथ ही प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने में जुटी है। गंभीरता से कार्य करते हुए बीते दो माह में सुविधाओं में तेजी से इजाफा हुआ है। सरकार आने वाले समय में चुनौतियों के लिए पूरी तरह तैयार है।
गुरुवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कोरोना महामारी की वर्तमान स्थिति के साथ ही सरकार के प्रयासों से अवगत कराया। कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण की स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पूर्व से ही मौजूद उपचार ढांचे को कोविड उपचार के अनुकूल ढालने की रणनीति पर काम किया गया। जिससे बिना समय गंवाए ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड सुविधाओं का विकास हुआ है और अस्पतालों पर बोझ भी नियंत्रित हुआ। जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों जैसे कि जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधानों एवं बीडीसी सदस्यों के साथ सीधे संवाद स्थापित कर एक जनपद स्तरीय टीम के तौर पर कार्य किया जा रहा है। बताया कि सहस्रधारा स्थित आयुर्वेदिक वेलनेस हेल्थ केयर सेंटर में पांच आक्सीजन बेड, सरोना स्थित एलोपैथिक चिकित्सा केंद्र में चार आक्सीजन बेड, भगवंतपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चार आक्सीजन बेड, कालसी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 20 आक्सीजन बेड, चकराता स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पांच आक्सीजन बेड स्थापित कर दिए गए हैं।