पटना: मासिक सम्मानजनक मानदेय, सामाजिक सुरक्षा और पेंशन की मांग पर आल इंडिया स्कीम वर्कर्स के संयुक्त प्लेटफॉर्म के आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल। बिहार में कोरोना काल की तय और अर्जित राशि भी आशाओं को नही मिली है। आल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन की राष्ट्रीय संयोजक और बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ की राज्य अध्यक्ष शशि यादव ने कहा कि हड़ताल में राष्ट्रीय मुद्दे के साथ साथ बिहार सरकार की बेरुखी भी शामिल है।
कोरोना काल की पारिश्रमिक भुगतान नही होना अक्षम्य अपराध है।अर्जित बकाये के साथ राज्य सरकार द्वारा तय 1000 रुपये की मासिक पारितोषिक राशि तक का भुगतान नही हुआ है।उन्होंने कहा कि आशाओं से सभी तरह का काम सरकार लेती है,यहां तक कि चुनावी ड्यूटी में भी लगाती है; लेकिन उन्हें विभागीय कर्मचारी घोषित करने और मासिक मानदेय देने से सरकार भाग रही है।
आगे उन्होंने कहा कि इस संयुक्त हड़ताल में दसियों हज़ार आशाओं-आशा फैसिलिटेटर ने हिस्सा ली हैं।राज्य के करीब करीब सभी पीएचसी पर कामकाज ठप्प हुआ है। आवश्यक और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को छोड़ सारे कामकाज प्रभावित हुए हैं। वे नौबतपुर और बिक्रम पीएचसी पर हड़तालियों को सम्बोधित कर रही थीं।पटना, रोहतास, अरवल, जहानाबाद, नालंदा ,मुंगेर, बेगूसराय, मुज़फ़्फ़रपुर, दरभंगा, सिवान, गोपालगंज, चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, समस्तीपुर, खगड़िया, भभुआ, कटिहार, शिवहर, भोजपुर, वैशाली, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण ,नवादा आदि जिलों में बहुत ही प्रभावी हड़ताल हुई है।
पटना से रामजी प्रसाद की रिपोर्ट Yadu News Nation