साम्प्रदायिक सौहार्द दिवस का आयोजन

सभी धर्म ग्रंथों का सार अच्छा जीवन जिएं -मुनि प्रशांत

सिलीगुड़ी (वर्धमान जैन): मुनि श्री प्रशांत कुमार जी मुनिश्री कुमुद कुमार जी के सान्निध्य में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अन्तर्गत “साम्प्रदायिक सौहार्द दिवस का आयोजन हुआ। सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री प्रशांत कुमार जी ने कहा- अणुव्रत आंदोलन का प्रवर्तन आचार्य श्री तुलसी ने आजादी के समय किया। अणुव्रत सभी धर्मों का सम्मान करता है। मानव धर्म सबसे पहले धर्म है। हिंदुस्तान में सभी धर्म सम्प्रदाय को आगे बढने का अधिकार है। भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ विभिन्न धर्म, विभिन्न संस्कृति, विभिन्न प्रकार के त्यौहार मनाएं जाते है। इतनी विभिन्नता होते हुए भी भारत में अभिन्नता है। भारतीय संस्कृति की पहचान ही अनेकता में एकता रही है। विचार धाराओं की भिन्नता होते हुए भी हम सभी प्रेम से साथ- साथ रहते आए है।भाषा, भोजन, वेषभूषा प्रांत, पूजा पद्धति और विचारों में भेद होते हुए भी सह अस्तित्व के पवित्र आदर्श को हम निभाते आए है। आचार्य श्री तुलसी ने सम्प्रदाय से भी अधिक धर्म को महत्व दिया था। वे कहा करते थे कि धर्म सम्प्रदाय से ऊपर है। सम्प्रदाय को जब धर्म से भी अधिक महत्व दे दिया जाता है और दूसरे सम्प्रदाय पर आक्षेप किया जाता है तब हिंसात्मक प्रतिक्रिया होती है। हमें धार्मिक सहिष्णुता को बनाएं रखते हुए सभी धर्म का आदर सम्मान करना चाहिए। सभी धर्मों में प्रेम और भाईचारे से रहने की शिक्षा दी गई है।

मुनि श्री कुमुद कुमार जी ने कहा- भगवान महावीर का अवदान अणुव्रत जिसे गुरुदेव श्री तुलसी ने आंदोलन का रूप दिया। जिसके माध्यम से दुनिया भर में व्यापक रूप से नैतिकता, प्रामाणिकता एवं मानवीय मूल्य का विकास हो सके। अपने-अपने धर्म के प्रति आस्था रखते हुए परंपरा एवं सिद्धांत में विश्वास रखते हुए अन्य किसी धर्म का अनादर नही करें। किसी जाति धर्म के प्रति विद्वेष का भाव अगर आता है तो वह धर्म हो ही नही सकता। धर्म जोड़ने की बात करता है तोड़ने की बात नही करता है। अणुव्रत के माध्यम से हम अपने जीवन में मानवीय मूल्यों का विकास करें। सभी का आदर भाव रखते हुए मैत्री के साथ जीवन जीने का प्रयास करें सांप्रदायिक सौहार्द हमें यही संदेश देता है। अब्दुल मनान जलानी जामा मस्जिद ने कहा – अणुव्रत समिति हर साल साम्प्रदायिक सौहार्द का आयोजन कर रही है, जिससे आपसी सौहार्द बना रहता है। आज हिंदुस्तान में नफरत बहुत ज्यादा फैल गई है। इस मंच ने सभी धर्मों को एक साथ बैठाया है। हम आपस में प्रेम मोहब्बत की बात और काम करे। अणुव्रत समिति का बहुत धन्यवाद। श्री संत सिंह गुरुद्वारा कमेटी प्रबंधन ने कहा – इस पृथ्वी के आदर्श नैतिकता एवं बौद्धिकता है।समाज विकास का आधार नैतिकता है। नैतिकता स्वस्थ परिवार एवं समाज की पहचान है। कोई भी धर्म खराब नही है। पं. जुगल किशोर उपाध्याय ने कहा – साम्प्रदायिक सौहार्द की आवश्यकता क्यों पड़ी ? क्योंकि नफरत के बीज बहुत बोए गए। धर्म क्या है – जो हमारा कर्तव्य है उसका पालन करना ही धर्म है। मानव का धर्म है कि मानवता का पालन करना। अहिंसा परमो धर्म का पालन करते हुए आज हम यहां पर उपस्थित है। कार्यक्रम का शुभारंभ अणुव्रत समिति के सदस्यों द्वारा गीत से हुआ। स्वागत भाषण अणुव्रत समिति अध्यक्षा श्रीमती डिम्पल बोथरा ने दिया। आभार ज्ञापन मंत्री सुनीता बैद ने किया। कार्यक्रम का संचालन सुरेन्द्र घोड़ावत ने किया। अणुव्रत समिति द्वारा सभी का साहित्य द्वारा सम्मान किया गया।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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