कर लो दर्शन भिक्षु के, कर लो भजन भिक्षु के

बांटने से बढ़ता है ज्ञान -मुनि प्रशांत

सिलीगुड़ी (वर्धमान जैन): मुनि प्रशांत कुमारजी के सान्निध्य एवं मुनि कुमुद कुमार के निर्देशन में तेरापंथ युवक परिषद सिलीगुड़ी द्वारा ”कर लो दर्शन भिक्षु के, करलो भजन भिक्षु के “ कार्यक्रम आयोजित हुआ। जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा-कार्यक्रम हमारे विकास का माध्यम बनता है। व्यक्ति के जीवन में ज्ञान को विकसित करने के लिए ज्ञान प्राप्ति का लक्ष्य होना जरूरी है। जीवन में ज्ञान का बड़ा महत्व है। इतिहास, दर्शन, तत्व की जानकारी हमें होनी ही चाहिए। ज्ञान को बांटने से बढ़ता है। ज्ञान की प्राप्ति लिए वर्तमान में अनेक साधन है अपेक्षा इस बात की सद ज्ञान को ग्रहण किया जाए। जैन धर्म,तेरापंथ के इतिहास को समझना भी जरूरी है। ज्ञान विकास का लक्ष्य होने से जानने को मिलता है। अध्ययन, अध्यापन का विकास रहना चाहिए। प्रवचन को ध्यान से सुने उससे बहुत सी जानकारी मिलती है, जीवन शैली में, चिंतन मे एवं व्यवहार में परिवर्तन आता है। मुनि कुमुद कुमार जी नए-नए तरिके से कार्यक्रम करवाकर ज्ञान की वृद्धि करते है । हमारी भावी पीढ़ी सद ज्ञान के अभाव में गलत पथ पर बढ़ती जा रही हैं। नशा एवं गुस्सा बढ़ता जा रहा है। साहित्य से भी हमे प्रेरणा मिलती है। व्यक्ति का सबसे बडा मित्र सद् साहित्य होता है। विकसित चेतना के उपरान्त भी व्यक्ति के भीतर में विनम्रता का भाव रहना चाहिए। विनम्र व्यक्ति हर तत्व से हर प्राणी से सीख प्राप्त कर लेता है। श्रावक समाज में ज्ञान का मनोभाव विकसित होता रहे।

मुनि कुमुद कुमार जी ने कहा- वर्तमान समय में सुविधा के साधन बढे, जानकारी प्राप्ति के साधन विकसित हो गए लेकिन व्यक्ति स्वयं से अनजान रह गया। अडोस-पड़ोस की जानकारी समाज की देश एवं विश्व की जानकारी रख लेता है लेकिन स्वयं का चिंतन करना भूल जाता है। अकेलापन, तनाव, डिप्रेशन, हत्या-आत्महत्या का बढता ग्राफ सुखद भविष्य पर प्रश्न चिन्ह पैदा करता है। व्यक्ति स्वयं का चिंतन करे, वास्तविकता में जीने का प्रयास करें। अध्यात्मविद्या सुख शांति का मार्ग है। “करलो दर्शन भिक्षु के, करलो भजन भिक्षु के” सम्यग ज्ञान को बढाने का प्रयास है।

मुनि कुमुद कुमार जी एवं रजत कोठारी ने कार्यक्रम को संचालित करते हुए दो राउण्ड में कार्यक्रम को पूर्ण किया। जैन इतिहास, तेरापंथ इतिहास, तत्वज्ञान, सामान्यज्ञान के प्रश्नो को सम्पूर्ण परिषद से रोचक तरीके से पूछे गए। कार्यक्रम में प्रतिभागियों एवं परिषद को आचार्य भिक्षु के दर्शन का सौभाग्य मिला।तेरापंथ युवक परिषद् के मंगलाचरण से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कुशल मरोठी ने कार्यक्रम की भूमिका प्रस्तुत की।तेरापंथ युवक परिषद उपाध्यक्ष अरविन्द चौरड़िया ने मुनि श्री, प्रायोजक परिवार एवं जनसभा का आभार व्यक्त किया। समय पालक की भूमिका मोहित खटेड ने पूर्ण की।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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