असम की रोंगा साह
असम के चाय बागानों के बारे में तो हम सबने सुना ही है. इन्हीं चाय बागानों की एक खास किस्म की चाय होती है रोंगा साह. असम में रहने वाले लोगों को इस चाय का स्वाद बेहद पसंद आता है. दिखने में ये चाय हल्के लाल और भूरे रंग की होती है.
बंगाल की लेबू चाय
इस चाय को बिना दूध के कई मसाले मिलाकर बनाया जाता है. सबसे खास इसे तैयार करने के बाद इसमें नींबू निचोड़ा जाता है.
नून चाय, कश्मीर
कश्मीर में प्रचलित चाय के इस प्रकार को कश्मीरी चाय भी कहा जाता है.स्थानीय बोली में इसे नून चाय के नाम से जाता है.कश्मीरी में नून का अर्थ नमक होता है यानी यह चाय स्वाद में नमकीन होती है.इस चाय की एक खासियत और है.नून चाय का रंग गुलाबी होता है,
हैदराबाद की इरानी चाय
ये 19वीं शताब्दी में फारसियों के साथ बारत आई थी. इसमें खोया और हरी इलायची के साथ दालचीनी मिलाई जाती है.
हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा चाय
कांगड़ा को उत्तर भारत की चाय की राजधानी के नाम से जाना जाता है. कांगड़ा रीजन में 19वीं सदी से ब्लैक और ग्रीन टी उगाई जा रही हैं. इस हिमाचली चाय में हरी और वनस्पति सुगंध होती है और इसका स्वाद हल्का तीखा लगता है.
सुलेमानी चाय, केरल
ये चाय केरल के मालाबार क्षेत्र से आती है.ये चाय दक्षिण भारत के कई राज्यों में लोगों की पसंदीदा ड्रिंक्स में से एक है.इस चाय मंग भी दूध नहीं मिलाया जाता.इ
कहवा, कश्मीर
आपका कश्मीर ट्रिप कहवा के बिना अधूरा है – मसालों और सूखे मेवों वाली हल्की चाय से यहां आने वाले हर यात्री को प्यार हो जाता है.कश्मीर में आपको स्टॉल या हर होटल में लोग कहवा परोसते हुए दिख जाएंगे.यहां की बर्फ बारी को सहन करने के लिए इससे बेस्ट चाय और कोई नहीं हो सकती.