यूक्रेन के साथ जंग के बीच ही परमाणु हथियारों पर अमेरिका से पहली बार वार्ता करेगा रूस, जानिए क्‍या है सारा माजरा

वॉशिंगटन: अमेरिका और रूस पहली बार परमाणु संधि पर एक साथ आने वाले हैं। अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से बताया गया है कि दोनों देश एकमात्र परमाणु संधि पर वार्ता को राजी हैं। यह पहला मौका होगा जब ये दोनों देश इस मसले पर किसी तरह की बातचीत करने को तैयार हुए हैं। अमेरिका और रूस के बीच START संधि है और दोनों देशों ने साल 2026 तक के लिये न्‍यू स्‍टार्ट संधि की हुई है। इस संधि के तहत अमेरिका और रूस अपने परमाणु हथियारों की तैनाती को सीमित रखेंगे। दोनों के पास दुनिया में सबसे ज्‍यादा परमाणु हथियार हैं। रूस के पास जहां 6, 257 परमाणु हथियार हैं जबकि अमेरिका के पास 5,550 ही है।

स्‍टार्ट संधि पहली बार साल 31 जुलाई 1991 को साइन हुई थी और पांच दिसंबर 1994 से प्रभावी है। फरवरी 2021 में जब यह संधि खत्‍म होने वाली थी तो इसे पांच साल के लिये बढ़ा दिया गया था। जो बाइडन ने जब बतौर अमेरिकी राष्‍ट्रपति पदभार संभाला तो उन्‍होंने कार्यकाल के पहले हफ्ते में यह सबसे बड़ा फैसला लिया था। इस संधि के तहत दोनों देशों को परमाणु हथियारों से जुड़े केंद्रों पर ऑन साइट निरीक्षण की मंजूरी दी गई है। मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के चलते निरीक्षण को आगे बढ़ाया गया था। अब जो मीटिंग रूस और अमेरिका के बीच होगी, उसमें इसी पर चर्चा होगी कि अब यह इंस्‍पेक्‍शन कब होगा। रूस और अमेरिका के बीच इस समय रिश्‍ते काफी तनावपूर्ण है।
इस साल फरवरी में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो उस समय ही अमेरिका के साथ रिश्‍तों में खटास आनी शुरू हो गई थी। दोनों देशों के रिश्‍ते साल 2016 से ही तनावपूर्ण हो रखे थे। इस तनाव के बीच ही जब रूस ने इस संधि पर चर्चा की इच्‍छा जताई तो अमेरिकी अधिकारियों ने इसे एक सकारात्मक कदम माना। रूस इस संधि को बढ़ाने के लिये इच्‍छुक है। वहीं अमेरिका ने कहा है कि ऑन साइट निरीक्षण के बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जायेगा।

इस साल की शुरुआत में अमेरिका ने निरीक्षण बहाल करने की कोशिशें की थीं लेकिन उस समय इस फैसले में काफी जटिलता आ गई। रूस ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह रूस को अमेरिकी सीमा से दूर रखना चाहता है। विदेश विभाग के प्रवक्‍ता नेड प्राइस की मानें तो ऐसे समय में जब अमेरिकी प्रतिबंध रूस पर जारी हैं और यूक्रेन के साथ जंग की वजह से नये प्रतिबंध लगा दिये गए हैं, यह खबर उत्‍साह बढ़ाने वाली है।इस संधि के तहत होने वाली मीटिंग द्विपक्षीय परामर्श आयोग (BCC) के शीर्षक के साथ होगी। बीसीसी आखिरी बार अक्‍टूबर 2021 में आयोजित हुई थी। इस संधि के तहत दोनों देशों बस 1550 परमाणु हथियारों को डिलीवरी सिस्‍टम पर तैनात कर सकते हें। इन हथियारों में इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल, पनडुब्‍बी से लॉन्‍च हो सकने वाली बैलेस्टिक मिसाइलें और बॉम्‍बर्स की तैनाती की भी मंजूरी है।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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