बीजिंग/प्योंगयांग: अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान का उत्तर कोरिया के साथ तनाव अपने चरम पर है। तानाशाह किम जोंग उन के आदेश पर उत्तर कोरियाई सेना लगातार अपनी किलर मिसाइलों का परीक्षण कर रही है। उत्तर कोरिया को करारा जवाब देने के लिए अमेरिका ने अपने परमाणु हथियारों से लैस एयरक्राफ्ट कैरियर को दक्षिण कोरिया भेजा है। इस बीच ऐसी आशंका जताई जा रही है कि उत्तर कोरिया चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के तीसरी बार ताजपोशी के समय परमाणु बम का एक बार फिर से विस्फोट कर सकता है। उत्तर कोरिया ने अंतिम बार 3 सितंबर 2017 को परमाणु बम का परीक्षण किया था। उस समय उत्तर कोरिया के सबसे करीबी दोस्त चीन के राष्ट्रपति शी ब्राजील, रूस, भारत और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्राध्यक्षों के स्वागत की तैयारी कर रहे थे। इसके जरिए शी जिनपिंग अपनी छवि को मजबूत करना चाहते थे ताकि इसके कुछ दिन बाद होने वाले कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस से ठीक पहले अपनी छवि को चमकाई जा सके। इस पार्टी कांग्रेस में शी जिनपिंग को दूसरी बार चीन की बागडोर सौंपी गई थी। अब 5 साल बाद एक बार फिर से चीन में शी जिनपिंग के तीसरी बार ताजपोशी का समय आ गया है और उत्तर कोरिया को लेकर अटकलें तेज होती जा रही हैं।
वहीं कुछ विश्लेषकों का कहना है कि किम जोंग उन अगर शी जिनपिंग की ताजपोशी के समय परीक्षण करते हैं तो यह चीन की गाल पर एक जोरदार तमाचा मारने जैसा होगा। बीजिंग में रहने वाले विश्लेषक इनार तांगेन ने कहा कि चीन ने हाल ही में 5 महीने बाद उत्तर कोरिया के साथ मालगाड़ी की आवाजाही को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया का परमाणु परीक्षण अमेरिका में मध्यावधि चुनाव के आसपास हो सकता है। किम जोंग लगातार मांग कर रहे हैं कि अमेरिका उनके देश पर लगे प्रतिबंध को हटाए।