Monsoon Health: बारिश में भींगकर उसका आनंद उठाने का अपना मजा है. मानसून की बरसात में बड़ों का मन भी एक बार फिर बच्चा बन जाता है. लेकिन बारिश के कारण इलाके में नमी और उमस भी बढ़ती है. इसी नमी और उमस के कारण बीमारी और इंफेक्शन का ख़तरा बढ़ जाता है. ऐसे में आयुर्वेद की ताकत से आप कई बीमरियों से लड़ सकते हैं.
आयुर्वेद की औषधीय ताकत को जरूर जानें
आपकी रसोई में कई आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां हैं जो बरसात में आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाने के साथ आपके स्वास्थ्य की रक्षा करती हैं. अदरख,काली मिर्च, हल्दी और लहसुन बरसात में शरीर को अंदर से गर्म रखने में मदद करते हैं. हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं. त्रिफला में मौजूद आंवला विटामिन सी का अच्छा स्रोत है जो सर्दी कम करने में मदद करता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है.बारिश के मौसम में पर्याप्त पानी पीना महत्वपूर्ण है .
ऐसे तो हर मौसम में ताजा और गर्म भोजन करना चाहिए लेकिन बरसात के मौसम में संतुलित भोजन करना बेहद आवश्यक है. इससे पाचन क्रिया मज़बूत होती है साथ ही गर्म भोजन से शरीर बाहरी ठंडक से बचा रहता है. कोल्ड ड्रिंक और भारी भोजन करने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसे भोजन इस सीजन में पचने में अधिक समय लगाते हैं साथ ही पाचन प्रणाली को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. अपने खाने में जीरा, धनिया और सौंफ जैसे मसालों को जरूर शामिल करें. कोल्ड ड्रिंक के स्थान पर अदरख वाली चाय, गर्म पानी और सूप का सेवन करना चाहिए. संक्रमण से बचाव के लिए तुलसी, अश्वगंधा और गिलोय जैसी जड़ी बूटी के काढ़े का सेवन करें. साथ ही साथ विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर मौसमी फल अनार, सेब, संतरा और पपीता खाएं. इसके साथ ही करेला, लौकी और मेथी जैसी मौसमी सब्जियों को चुनें.
लाइफस्टाइल में बदलाव से बदलेगी सेहत
बरसात के मौसम में आलस्य को दूर कर अपनी दिनचर्या में बदलाव कर सेहत में भी बदलाव ला सकते हैं. योग में कई बीमारियों को भगाने की ताकत है. रोज सुबह योग करने से शरीर को मजबूती मिलती है साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है. गर्म तेल से शरीर पर मसाज करें. अपनी नींद से कोई समझौता ना करें. सोने के वक्त पर टीवी और मोबाइल को बंद कर पूरी नींद लें.