काबुल: अफगानिस्तान में यूके का दो दशक का सैन्य अभियान अब पूरी तरह से खत्म हो गया है। ब्रिटिश सेना की आखिरी खेप को लेकर काबुल एयरपोर्ट से ब्रिटेन का सैन्य विमान रवाना हो चुका है। इसके साथ ही अफागानिस्तान में ब्रिटेन का अभियान अब खत्म हो चुका है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अफगानिस्तान से बाहर निकलने के बहादुर प्रयास की तारीफ की है। जॉनसन ने कहा कि अफगानिस्तान से आखिरी सैनिका का बाहर निकलेन का पल ऐसा है जो दर्शाता है हमने वहां क्या कुछ त्याग किया है और पिछले दो दशक में हमने वहां क्या हासिल किया है। बता दें कि अमेरिका को छोड़कर अधिकतर देशों ने अफगानिस्तान से निकलने के अपने अभियान को पूरा कर लिया है। द गॉर्जियन की रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि पिछले दो हफ्तों में 14 हजार लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला गया है। दो हफ्तों में काबुल एयरपोर्ट से 14 हजार लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है। अब समय है कि इस ऑपरेशन को बंद किया जाए। अफगानिस्तान में ब्रिटेन के अंबेसडर लॉरी ब्रिस्टो ने कहा कि अफगानिस्तान में ऑपरेशन को खत्म करने का समय आ गया है, हमने पिछले दो हफ्तों में 14 हजार से अधिक लोगों को काबुल से एयरलिफ्ट किया है। ब्रिस्टो ने कहा कि हम उन लोगों को नहीं भूले हैं जो अभी भी यहां से बाहर निकलना चाहते हैं। हम इन लोगों की मदद करने के लिए जो भी प्रयास हो सकते हैं उसे जारी रखेंगे। हम अफगानिस्तान के बहादुर और भद्र लोगों को भी नहीं भूले हैं, उन्हें बेहतर शांतिपूर्ण जिंदगी और सुरक्षा का अधिकार है। बोरिस जॉनसन ने अपने बयान में कहा कि हमारे देश के लिए लक्ष्य नहीं बदला है, बावजूद इसके कि अब अफगानिस्तान से डील करने का तरीका बदल गया है। अब हम सभी कूटनीतिक और मानवीय विकल्पों के जरिए उन चीजों की रक्षा करने की कोशिश करेंगे जो हमने पिछले 20 सालों में हासिल किया है और अफगानिस्तान के लोगों को सुरक्षित भविष्य देने की कोशिश करेंगे।