गरियाबंद: जिले के देवभोग ब्लाक में वर्ष 2020 – 21 में मनरेगा के तहत कोरोना काल मे ग्रामीणों के पास रोजगार ढप्प पड़े थे ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार के पास सबसे बड़ी चुनोती यह थी कि वो कोरोना संकट के बीच लोगो को रोजगार प्रदान करे ,भुपेश बघेल की सरकार ने ऐसी विषम परिस्थितियों में भी पीछे कदम नही हटाया एवं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत सभी जिला पंचायतों को निर्देश किया कि वे इस संकटकाल मे भी कोविड़ गाइडलाइन का पालन करते हुए मनरेगा का कार्य करवा सकते है ,लेकिन इस आदेश के बाद जिला पंचायत तथा जनपद पंचायत के बाद चुनोतियाँ तो थी लेकिन जिला व जनपद पंचायत की टीम ने हार नही मानी चूंकि एक तरफ जीवन था तो वही दूसरी तरफ जीविका जिसे लेकर काम करना था देवभोग जनपद पंचायत के द्वारा मनरेगा कार्य शुरू कर मनरेगा के हितग्राहियों को रोजगार उपलब्ध कराने कमर कस लिया लेकिन सबसे बड़ा रोड़ा यह था कि इस संकट के बीच वे लोगो को कैसे घर से बाहर निकाले लेकिन देवभोग ब्लाक के ग्राम पंचायत चिचिया , निष्टिगुड़ा ,सीनापाली के सरपंच ने यह साबित कर दिया कि जीवन से बड़ा जीविका है एवं अधिक से अधिक मानव दिवस कार्य करवा कर लोगो को रोजगार उपलब्ध कराने का एक बीड़ा उठाया ,पूरे ब्लाक भर की बात करे तो वर्ष 2020 -21 में मनरेगा के तहत (कोरोना काल मे ) सर्वाधिक 70 हजार 413 मानव दिवस ग्राम पंचायत चिचिया ने पूरा ने पूरा किया ,तो दूसरी पायदान में ग्राम पंचायत निष्टिगुडा रही यहां 48 हजार 710 मानव दिवस पूर्ण किया एवं तीसरी पायदान पर ग्राम पंचायत सिनापाली रही जिसने 44 हजार 743 मानव दिवस पूर्ण किया ,इन ग्राम पंचायत के सरपंचों को जनपद पंचायत देवभोग के द्वारा 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सम्मानित किया जाएगा ।
क्या कहते है सरपंच
ग्राम पंचायत चिचिया के सरपंच राजकुमार प्रधान ने बताया कि कोरोना काल मे मनरेगा का काम कराना किसी चुनोती से कम नही था लेकिन ग्रामीणों के पास रोजगार भी नही था ऐसे में प्रदेश सरकार के द्वारा मनरेगा शुरू करने को लेकर हरी झंडी मिलते ही हमारे द्वारा घर घर जाकर लोगो को कार्य करने के लिए प्रेरित किया व साथ ही कार्य स्थल पर कोरोना गाइडलाइन का पालन भी कराया गया जिसका नतीजा यह रहा है संकटकाल में भी लोगो के चेहरे पर मुश्कान लौट आई ।
ग्राम पंचायत निष्टिगुड़ा के सरपंच टीकम सोनवनी ने अपनी अनुभूति साझा करते हुए बताया कि हम तो सोंचे ही नही थी कि इस संकट के दौरान मनरेगा का काम शुरू हो पायेगा लेकिन जनपद पंचायत के निर्देश को मानते हुए हमने ग्रामीणों से राय लिया व मनरेगा का काम शुरू किया जिसमें ग्रामीणों में उत्साह भी दिखा चूंकि ग्रामीणों के पास उस दौरान रोजगार ही नही थे ।
ग्राम पंचायत सिनापाली के सरपंच बिंदिया सुधीर अग्रवाल ने यह कहा कि यह समय किसी भी परिस्थितियों में मनरेगा कार्य करने के अनुकूल नही था लेकिन ग्रामीणों ने पास रोजगार भी नही थे ,आखिर इस संकटकाल में हमारे लिए चुनोतियाँ भी अनेक थी कि हम ग्रामीणों को कैसे घर से बाहर ले जाकर काम करवाये लेकिन जीवन के साथ जीविका भी जरूरी था ऐसे में ग्रामीणों व पंचायत के पदाधिकारियों के साथ गांव के वरिष्ठ जनों से सलाह लेकर हमने भी मनरेगा का काम करवाना उचित समझा।
देवभोग से रमेश निषाद की रिपोर्ट Yadu News Nation